उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पारंपरिक कारीगरों व दस्तकारों जैसे बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई , सुनार लोहार, कुम्हार, हलवाई ,मोची आदि मजदूरों को छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की शुरुआत की है.
राज्य सरकार देगी खर्च
इस योजना की लाभ पाने के लिए व्यक्ति को अपने ग्राम प्रधान, नगर पंचायत अध्यक्ष से एक प्रमाण पत्र देना होगा कि वो काम आता जिसका वह उद्योग शुरू करने जा रहा है. इस योजना के तहत व्यक्ति जो काम करना चाहता है, उसे पहले उस काम के एक्सपर्ट प्रशिक्षक द्वारा ब्लॉक स्तर पर छह दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. काम सीखने के बाद संबंधित औजारों की किट निशुल्क प्रदान की जाएगी. यानि बढ़ई का काम करने वाले को कील से लेकर आरी तक सबकुछ दे दिया जाएगा, जिससे वो अपने काम को आगे बढ़ा सके.
10 हजार से लेकर 10 लाख तक की आर्थिक मदद
इसके अलावा जो लोग पहले से किसी संबंधित काम से जुड़े हैं, उन्हें भी आधुनिक तौर-तरीकों की जानकारी और टूलकिट प्रदान की जाएगी. इस तरह से प्रशिक्षित मजदूरों को छोटे उद्योग शुरू करने के लिए 10 हजार से 10 लाख तक की आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराई जाएगी. कार्य करने के लिए दी जाने वाली धनराशि सीधे आवेदक के बैंक खाते में ही जाएगी. हर साल इस योजना से कम से कम 15 हजार लोगों को काम देने या आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. आवेदक की आयु न्यूनतम 18 वर्ष और वो उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए.
कैसे करें अप्लाई
आप https://diupmsme.upsdc.gov.in/login/Registration_Login पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा करने का एक शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा. आवेदन के वक्त अपनी पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक पासबुक या कैंसिल चेक, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, बिजली बिल, राशन कार्ड, किरायानामा में कोई भी एक दस्तावेज देना होगा.