योगी सरकार का बड़ा फैसला, आपदा प्रभावितों के खातों में दिया जाएगा मुआवज़ा

अब ई-पेमेंट के जरिए मुआवजे की राशि आपदा प्रभावित परिवारों के खातों में भेजी जाएगी. गौरतलब है कि योगी सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों को भागदौड़ से बचाने के लिए ई-पेमेंट के माध्यम से सीधे उनके खाते में पैसा देने को कहा है.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों को दिए जाने वाले मुआवजे को सीधे उनके खाते में भेजने का फैसला किया है. अब ई-पेमेंट के जरिए मुआवजे की राशि आपदा प्रभावित परिवारों के खातों में भेजी जाएगी. गौरतलब है कि योगी सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों को भागदौड़ से बचाने के लिए ई-पेमेंट के माध्यम से सीधे उनके खाते में पैसा देने को कहा है. राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दे दिया है. अभी तक जिलाधिकारी के जरिए प्रभावितों को मुआवजे की राशि दी जाती थी. लेकिन अब प्रभावितों के खातों में इसे सीधे भेजा जाएगा. इसके साथ ही जिन लोगों के खातों में आपदा राशि ट्रांसफर की जा चुकी है, उनका नाम ग्राम पंचायत के बोर्ड में लगाया जाएगा.

जिलों को दिए 9.50 करोड़ रुपये

दरअसल राज्य की योगी सरकार ने आपदा से प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए जिलों को 9.50 करोड़ रुपये दिए हैं. राज्य सरकार ने बेमौसम भारी वर्षा, अतिवृष्टि, आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान, लू-प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई, गैस रिसाव, बोरवेल में गिरकर होने वाली मौतों को आपदा की श्रेणी में रखा है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने कुओं, नदियों, झीलों, तालाबों, पोखरों, नहरों, नालों, गड्ढों, जल प्रतों में डूबने से होने वाली मौतों को भी आपदा की श्रेणी में रखा है.

सबसे ज्यादा राशि सोनभद्र के लिए आवंटिंत

बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने सबसे ज्यादा आपदा राशि सोनभद्र जिले के लिए आवंटिंत की है. राज्य सरकार ने सोनभद्र को 4 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इसके बाद फतेहपुर को 2 करोड़, कुशीनगर को 50 लाख, बलरामपुर को 50 लाख, बांदा को 1 करोड़, संभल को 50 लाख और प्रयागराज के लिए एक करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. राज्य सरकार ने इन जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित परिवारों को उनके खातों में राशि ट्रांसफर की जाए.

इन जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि प्रभावित परिवारों को संबंधित जिले के कोषागार से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ई-पेमेंट के माध्यम से भुगतान किया जाए. और जिन लोगों को सहायता राशि दी गई है, उनके नाम की सूची ग्राम सभा के नोटिस बोर्ड पर भी प्रदर्शित किया जाए और खुली बैठक में इसे पढ़कर सुनाया जाए.

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