योगी सरकार ने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इसी के तहत योगी सरकार ने प्रदेश के छात्र-छात्राओं को काबिल बनाने का लक्ष्य तय किया है. इस वर्ष कक्षा 9 से 12 तक के 21 हजार विद्यार्थियों को कौशल मिशन के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास मिशन के बीच करार किया गया है. प्रवीण योजना के तहत कौशल विकास मिशन के सर्टिफिकेट कार्स को माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई के समय में ही संचालित किया जाएगा, जिससे अगर कोई छात्र कक्षा 10 या कक्षा 12 के बाद पढ़ाई नहीं करता है तो भी उसके पास रोजगार के लिए एक सर्टिफाइड कौशल उपलब्ध होगा. किन्हीं कारणों से हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई बीच में ही छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को इससे बहुत सुविधा मिलेगी.
प्रथम चरण में 150 स्कूल चयनित
गौरतलब है कि प्रवीण योजना के तहत सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों में वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से उन कौशलों के लिए विकसित किया जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार मिलने में मदद मिले. इसमें हर कार्य दिवस में स्कूल समय के बीच में फ्री सर्टिफिकेशन कोर्स शुरू किया जायेगा. और कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों का कौशल विकास करवाया जाएगा. प्रथम चरण में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 150 स्कूलों को चुना है. हर जिले में 2 स्कूलों का चयन होगा, जिसमें एक राजकीय इंटर कॉलेज और एक राजकीय बालिका इंटर कॉलेज होगा. वर्ष 2022-23 में प्रदेश सरकार का लक्ष्य कक्षा 9 से 12 तक के 21 हजार छात्र-छात्राओं को स्किल्ड बनाने का है.
11 ट्रेडों की दी जाएगी ट्रेनिंग
कौशल विकास मिशन के डायरेक्टर आंद्रा वामसी के मुताबिक, सरकार की ओर से छात्र-छात्राओं को 11 विभिन्न ट्रेडों की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्यूटी एंड वेलनेस, ओडीओपी, रिटेल, ऑटोमोबाइल सहित कई रोजगारपरक विषय शामिल हैं. इसके साथ ही ट्रेनिंग पूरी होने पर विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा.
बता दें कि माध्यमिक शिक्षा विभाग प्रवीण योजना के लिये इच्छुक विद्यार्थियों को सेलेक्ट करेगा तथा उन्हें स्पेशल क्लास उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही कौशल विकास मिशन की ओर से ऐसे विद्यार्थियों की ट्रेनिंग से संबंधित खर्चों को वहन किया जाएगा.