तप-तपस्या और तेज की पावन भूमि कहलाने वाले बुंदेलखंड में पीएम मोदी ने शनिवार को 14,850 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित और उत्तर प्रदेश के 7 जिलों से गुजरने वाले 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया. इस एक्सप्रेस-वे की आधारशिला खुद प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी 2020 में रखी थी. गौरतलब है कि साल 2014 के बाद पीएम मोदी ने निवेश और ईज ऑफ लीविंग के लिए जरूरी कनेक्टिविटी को प्राथमिकता देते हुए पूरे देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की तेज गति से निर्माण पर जोर दिया. उत्तर प्रदेश इस विकास यात्रा का अहम भागीदार है. वर्ष 2017 के बाद यूपी में केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर सड़क, रेल, मेट्रो और एयर सहित सभी क्षेत्रों में विकास को प्राथमिकता दी जिसका परिणाम है उत्तर प्रदेश के एक्सप्रेस प्रदेश के रूप में में बनी नई पहचान.
296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
पूर्वांचल की तस्वीर बदलने वाला 341 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे गंगा एक्सप्रेस-वे, 91 किलोमीटर लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और अब विकास की डबल रफ्तार की इसी कड़ी में जुड़ गया है 296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे.
रिकॉर्ड 28 महीनों में किया तैयार
करीब 14,850 करोड़ रुपए की लागत से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को रिकॉर्ड 28 महीनों में तैयार किया गया है जिसका शिलान्यास पीएम मोदी द्वारा ही किया गया था. इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण 36 महीने में होना था लेकिन मात्र 28 महीने में काम पूरा हो गया है. आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर पीएम मोदी द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का राष्ट्र को समर्पण इस पावन धरती के वीर-वीरांगनाओं की पीढ़ियों का सम्मान है जिनकी शौर्य गाथाएं आज भी बच्चों को सुनाई जाती है.
दिल्ली से बुंदेलखंड के बीच अब 7 घंटे का सफर
इस एक्सप्रेस-वे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो 3-4 घंटे कम हुई ही है, लेकिन इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है. ये एक्सप्रेस-वे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा.
एक्सप्रेस-वे से इन जिलों के लोगों को मिलेगा विशेष लाभ
2014 से पहले बुंदेलखंड में पानी की कमी के कारण जीवन बुरी तरह से प्रभावित था लेकिन अब अर्जुन सहायक सिंचाई योजना और जल जीवन मिशन के तहत यहां सिंचाई और पीने के पानी की सहज उपलब्धता हो रही है, खेती से जुड़ी संभावनाएं बढ़ी हैं, लोगों का जीवन आसान हुआ है. एक्सप्रेस-वे से किसान अब अपनी उपज और दुग्ध उत्पादों को बड़े बाजारों तक सरलता से पहुंचा पाएंगे. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे इस पूरे क्षेत्र के जनजीवन में बदलाव लाएगा और यहां के सामान्य जन को बड़े शहरों जैसी सुविधाओं से जोड़ेगा. अब इटावा, चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया के लोग भी आधुनिक एक्सप्रेस-वे पर चलेंगे.
रोजगार के हजारों अवसर होंगे तैयार
इसके बन जाने से बुंदेलखंड क्षेत्र में रोजगार एवं निवेश के अवसरों में बढ़ोत्तरी होगी. इसके आसपास के कम विकसित क्षेत्रों में कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. यह एक्सप्रेस-वे कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से जोड़ने के लिए औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा. बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा हेतु पुलिस पेट्रोलिंग एवं एम्बुलेंस वाहन की पर्याप्त व्यवस्था है. ट्रैफिक सुरक्षा हेतु एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगा है.
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर यहां नए उद्योगों और नए उद्यमों को विकसित करेगा जिससे रोजगार के हजारों अवसर तैयार होंगे. केवल इतना ही नहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर को भी गति मिलने वाली है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के साथ लिंक होने से स्थानीय MSME सेक्टर के लिए भी नए मौके तैयार होंगे और क्षेत्र के आर्थिक विकास को बल मिलेगा. एक्सप्रेस-वे के दोनों और 110 मीटर चौड़ा राइट ऑफ वे बनाया गया है, जहां सोलर एनर्जी से ऊर्जा मिलेगी. एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश व निकासी के लिए 13 स्थानों पर निकासी व इंटरचेंज और जरूरी जगहों पर 4 रेलवे ओवर ब्रिज और 19 फ्लाईओवर 224 अंडरपास बनाए गए हैं. इसके अलावा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर 4 जन सुविधा केंद्र और स्थानीय लोगों के लिए सर्विस रोड भी बनाए गए हैं.