भारत के अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान हुआ. मतदान का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक रखा गया था. इस दौरान देशभर के करीब 4,800 सांसद और विधायकों द्वारा अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा कई सांसद और केंद्रीय मंत्री साथ ही कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी मतदान किया.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए ये हैं प्रत्याशी
ज्ञात हो, मौजूदा राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की तरफ से द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर यशवंत सिन्हा इस पद के लिए चुनाव मैदान में हैं.
21 जुलाई को वोटों की गिनती
राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के बीच मुकाबला है. अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनती हैं तो वह आदिवासी समुदाय की देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली शख्सियत होंगी.
25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण
मतदान के बाद सभी राज्यों से मत पेटियां दिल्ली लाई जाएंगी और 21 जुलाई को वोटों की गिनती के बाद देश के नए राष्ट्रपति के नाम की घोषणा कर दी जाएगी. 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होगा.
कब समाप्त हो रहा है मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल ?
भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई, 2022 को समाप्त हो रहा है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 62 के अनुसार, निवर्तमान राष्ट्रपति के कार्यकाल की समाप्ति से पहले नए राष्ट्रपति का चुनाव पूरा करना आवश्यक है. इसलिए यह चुनाव बेहद जरूरी है.
देश में राष्ट्रपति के चुनाव में सीधे जनता की भागीदारी नहीं होती, इसलिए देश में होने वाला राष्ट्रपति का चुनाव अन्य चुनावों के मुकाबले थोड़ा अलग और जटिल माना जाता है. इसके विपरीत जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद और विधायक राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं. लेकिन जो सांसद या विधायक नॉमिनेटेड होते हैं. वे इस चुनाव में भाग लेने के योग्य नहीं माने जाते क्योंकि वे नॉमिनेटेड होते हैं. और सीधे जनता द्वारा नहीं चुने जाते. कुल 776 सांसद और 4,033 विधायकों के पास राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग राइट हैं.