उत्तर प्रदेश का फैब्रिक, शहद, सिल्क, जड़ी बूटी, जूस जैसे उत्पाद विदेशों में खूब पसंद किये जा रहे हैं. यही वजह है कि राज्य से निर्यात होने वाले उत्पादों की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही निर्यात के कई नए क्षेत्र में भी माल विदेशों में भेजने की शुरूआत हो गई है. योगी सरकार के द्वारा प्रदेश में निर्यात के लिए किए गए विभिन्न प्रयासों की वजह से जहां कोरोना काल में भी माल भेजने में ज्यादा कठिनाइयां नहीं आईं. हालांकि विदेशों में मांग कम होने से यहां के निर्यातक प्रभावित हुए. वहीं, अब कोरोना काल के गुजरने के बाद प्रदेश के उत्पादों के निर्यात में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है.
वर्ष 2021 में निर्यात में 32% की हुई बढ़ोतरी
गौरतलब है कि वर्ष 2020 में हुए निर्यात के मुकाबले वर्ष 2021 में हुए निर्यात में 32 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई. यह आंकड़े अप्रैल से दिसंबर के बीच के हैं यानी 2020 में इतनी ही अवधि में 84183.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 111342.6 करोड़ के उत्पादों का निर्यात किया गया है. मीट के निर्यात में केवल तीन फीसदी ही बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
उत्पाद वर्ष 2020 करोड़ में 2021 (करोड़ में)
रबर व उसके उत्पाद 418 704.9
प्लास्टिक व प्लास्टिक उत्पाद 1354.0 1521.4
लकड़ी, उत्पाद, 1128.1 1876.3
सिल्क 160.3 250.1
कालीन व दरी 3237.0 4028.6
वेजीटेबिल आयल 119.8 236.3
प्राकृतिक शहद व दुग्ध उत्पाद 174 238.7
चीनी व चीनी उत्पाद 2173.8 2563.9
मिनरल फ़्यूल मिनरल आयल 1134.1 2136.4
नए क्षेत्रों में निर्यात में हुई वृद्धि
बता दें कि, उत्तर प्रदेश से परंपरागत उत्पादों के अलावा निर्यात के नए क्षेत्र भी खुल गए हैं. अब जलीय जीवों, कोका व कोका सहउत्पाद का निर्यात भी बढ़ गया है. रेलवे व्हीकल व उसके संयंत्रों के निर्यात में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. यह निर्यात 11.9 फीसदी था लेकिन, अब इसमें 1016 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
कुछ उत्पादों के निर्यात में आई कमी
वेबरेज, स्प्रिट, सिरका, तम्बाकू व तंबाकू उत्पाद उर्वरक वायुयान पुर्जे, नाव, विस्फोटक, दवाइयां आदि उत्पादों के निर्यात में कमी आई है.