Thursday, November 24, 2022
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    मनरेगा, श्रमिक परिवारों को 100 दिन काम देने में यूपी बना अव्वल, केंद्र सरकार से मिले 1900 करोड़ रुपए

    श्रमिक परिवारों को मनरेगा के तहत 100 दिन का काम देने में यूपी, देश में नम्बर वन हो गया है. सत्र 2022-23 में अप्रैल से जुलाई के बीच यूपी में 34502 परिवारों को मनरेगा के तहत 100 दिन काम देने का रिकार्ड बनाया है.

    कोरोना महामारी के दौर से ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत रोजगार देने और इसके माध्यम से गांवों के विकास को तेज करने की दिशा में लगातार रिकार्ड बन रहे हैं. श्रमिक परिवारों को मनरेगा के तहत 100 दिन का काम देने में यूपी, देश में नम्बर वन हो गया है. सत्र 2022-23 में अप्रैल से जुलाई के बीच यूपी में 34502 परिवारों को मनरेगा के तहत 100 दिन काम देने का रिकार्ड बनाया है. मनरेगा के तहत जो व्यक्ति 90 दिन तक काम कर लेता है, उसे श्रम विभाग की 15 योजनाओं का लाभ मिलने लगता है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में 7.35 लाख परिवारों ने 100 दिन काम किया था. वहीं, दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है जहां इस अवधि में 19908 परिवारों को 100 दिन काम दिया जा सका है. एक अप्रैल 2022 से मनरेगा मजदूरी दर उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन 213 रुपए हो गई है. वर्ष 2022-23 में अप्रैल से जुलाई के बीच देश मे 2,17,879 मनरेगा मजदूर परिवार को 100 दिन काम दिया गया.

    अमृत सरोवरों के विकास में लगे मनरेगा मजदूर

    गौरतलब है कि देश में लगातार बड़ी संख्या में मजदूर काम कर रहे हैं. पहले बारिश शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा का काम करीब-करीब बंद हो जाया करता था, अब ऐसा नहीं है. शुक्रवार 5 अगस्त को भी मनरेगा के तहत राज्य में 16 लाख 6000 मजदूर काम पर लगे थे. मनरेगा मजदूरों की बड़ी संख्या इस समय राज्य में अमृत सरोवरों के विकास में लगी है. शुक्रवार को ही मनरेगा मजदूरों की मजदूरी मद में भारत सरकार से 1900 करोड़ रुपये आया.

    चार महीने में 3196.61 करोड़ का हुआ भुगतान

    -वर्ष 2022-23 में अप्रैल से जुलाई 3196.61 करोड़ रुपये.

    -सामग्री मद में अप्रैल से जुलाई तक 1950.53 करोड़ रुपये खर्च.

    -वर्ष 2021-22 में सामग्री के मद में सिर्फ 666.49 करोड़ भुगतान हुआ.

    -वर्ष 2021-22 में कुल 6596.37 करोड़ रुपये मजदूरी का भुगतान हुआ.

    -वर्ष 2021-22 सामग्री मद में 1813.63 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ.

    मजदूरी मद में प्रतिदिन 27 करोड़ का आता है खर्च

    अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने बताया कि राज्य में प्रतिदिन मनरेगा के तहत मजदूरी में करीब 27 करोड़ रुपये खर्च होता है. पूरे साल में मनरेगा के तहत मजदूरी मद में 8500 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. परिवारों को 100 दिन काम देने का सबसे अधिक लाभ संबंधित परिवार के उस व्यक्ति को होता है जो अकेले 90 दिन काम कर लेता है. उन्हें श्रम विभाग की 15 योजनाओं का लाभ मिलने लगता है. बीते वित्तीय वर्ष में 7.35 लाख परिवारों ने 100 दिन काम किया था.

    इन राज्यों में 100 दिन काम करने वाले कुल परिवारों की संख्या-

    उत्तर प्रदेश        34502

    आंध्रप्रदेश         19908

    राजस्थान          18401

    मध्यप्रदेश         17927

    बिहार            6302

    झारखंड           1459

    (2022-23 में अप्रैल से जुलाई के बीच देश मे 2 लाख 17 हजार 879 मनरेगा मजदूर परिवार को 100 दिन काम दे दिया गया था.)

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