हैदराबाद में 2 और 3 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. इस बैठक में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई बड़े नेता हिस्सा लेंगे. सूत्रों की मानें तो इस बैठक के बाद उत्तर प्रदेश को बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है. बैठक में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मुहर लग सकती है. हैदराबाद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में होने वाली इस बैठक के लिए बीजेपी नेता हैदराबाद पहुंचने लगे हैं.
काफी समय से चल रहा है मंथन
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में योगी 2.0 की सरकार बनने के बाद से बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष पर लगातार मंथन चल रहा है. यूपी में दोबारा सरकार बनाने के बाद योगी सरकार ने बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को कैबिनेट मंत्री का पद दिया है. बता दें, बीजेपी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर चलती है. योगी सरकार 2.0 को तीन महीने बीत गए हैं. लेकिन अभी तक नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा नहीं की गई है. खबरों की माने तो कुछ नामों की लिस्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई है. इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि हैदराबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद यूपी बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है.
ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा सकती है पार्टी
हालांकि चर्चा इस बात की भी है कि इस बार बीजेपी यूपी में किसे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपेगी. राजनीतिक गलियारों में हवा है कि बीजेपी 2024 लोकसभा चुनावों को देखते हुए किसी ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा सकती है. अगर पार्टी में ब्राह्मण चेहरे की बात की जाए तो इसमें सबसे ऊपर पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा का नाम है. हाल ही में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई, कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक और केंद्रीय पदाधिकारी हरीश द्विवेदी को भी रेस में शामिल माना जा रहा है.
यह नाम भी चर्चा में
चर्चा इस बात की भी है कि पार्टी किसी दलित चेहरे को भी अध्यक्ष की कमान सौंप सकती है. इसमें भी भानु प्रताप वर्मा, एसपी सिंह बघेल और ओबीसी चेहरे के तौर पर बी एल वर्मा का नाम काफी चर्चा में है. हालांकि पार्टी के प्रवक्ता पहले ही कह चुके हैं कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के लिए किसी जाति धर्म या क्षेत्र को नहीं देखती है बल्कि कार्यकर्ता की मेहनत और लगन को ध्यान में रखा जाता है.