उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट-वन डेस्टिनेशन योजना शुरू की है. इस योजना के तहत सीएम योगी के निर्देश पर वन विभाग प्रदेश के हर जिले से ऐसे संभावनाओं वाले क्षेत्रों को चिह्नित कर रहा है, जिनका ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन डेस्टिनेशन’ के अंतर्गत विकास किया जाएगा. इसके तहत प्रदेश में अब तक 56 जिलों में ईको टूरिस्ट स्थल का चयन हो चुका है. सरकार ने प्रत्येक जिले में ऐसे स्थलों का चयन किया है जो प्राकृतिक सुरम्यता से परिपूर्ण हैं. जल्द ही यह ईको पर्यटन के मानचित्र पर दिखाई देंगे.
यूपी के 56 जिलें चिह्नित
सीएम योगी के निर्देश पर वन विभाग प्रदेश के हर जिले में ईको टूरिज्म की संभावनाओं को साकार कर रहा है. अब तक मऊ, शाहजहांपुर, बस्ती, हाथरस, हमीरपुर, अमेठी, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, फतेहपुर, जौनपुर, कौशांबी, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, कानपुर, गोरखपुर सहित 56 जिलों से स्थल चिह्नित कर उसके प्रस्ताव शासन विभाग और वन विभाग विकास को भेजे जा चुके.
पर्यटकों को लुभाएंगे यह स्थल
यह स्थल पर्यटकों को लुभाएंगे. सरकार ने अपना ध्यान हर जिले की विशिष्टताओं को उभारने के साथ ही रोजगार व आय के साधन बढ़ाने पर केंद्रित किया है. इसी के तहत ओडीओपी की तर्ज पर ओडीओडी शुरू करने का निर्णय लिया है. हर जिले का स्थान विशेष प्राकृतिक, पर्यावरणीय एवं वन्य पर्यटन के लिहाज से बहुत अच्छा है. सरकार का मानना है कि इन स्थलों को आपस में जोड़ने पर यह पिकनिक स्पाट के रूप में पर्यटकों को लुभा सकते हैं. प्रदेश सरकार इसके लिए ईको टूरिज्म बोर्ड भी बनाने जा रही है. यूपी के जिन 56 टूरिस्टद स्थलों का चयन हुआ है वहां बुनियादी सुविधाएं जैसे रेस्ट रूम, सड़क, बिजली, पानी, शौचालय और रेस्ट रूम के साथ ही सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे. इसके बाद इन्हें पर्यटन डायरेक्ट्री में शामिल किया जाएगा जिससे राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी.
ईको टूरिज्म का अर्थ
ईको टूरिज्म से अर्थ है प्राकृतिक सौंदर्य के करीब जाना और उसका आनंद लेना. इको टूरिज्म पर्यटकों को प्राकृतिक क्षेत्रों एवं प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर क्षेत्रों की यात्रा करता है. ऐसी जगहों पर प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण के सभी उपाय किए जाते हैं. अगर आसान शब्दों में कहा जाए तो ईकोटूरिज्म प्रकृति और पर्यावरण की देखभाल एवं उसके संरक्षण करने से है. आज के समय में लोग ऐसे क्षेत्रों में जाना चाहते हैं, जहां प्राकृतिक खूबसूरती हो.
वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन के तहत होगा विकास
सीएम योगी के निर्देश पर वन विभाग प्रदेश के हर जिले से ऐसे संभावनाओं वाले क्षेत्रों को चिह्नित कर रहा है, जिनका वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन (ओडीओडी) के अंतर्गत विकास किया जाएगा, जिससे यह जगह पर्यटन से कदमताल मिला सकें. अब तक 56 जिलों में ऐसे स्थल चिन्हित किए जा चुके हैं. प्रदेश सरकार ने अपना ध्यान हर जिले की विशेषताओं को उभार उसको रोजगार एवं आय के साधन के तौर पर विकसित करने पर केंद्रित किया है. इसी कड़ी में ओडीओपी के तहत हर जिले से एक उत्पाद चिह्नित कर उसके उत्पादन, पैकेजिंग पर ध्यान दिया गया. उत्पादों के साथ ही हर क्षेत्र की पर्यटन एवं सांस्कृतिक विशेषताओं को भी बाजार एवं आय से जोड़ने की कवायद शुरू की गई है. इको टूरिज्म ओडीओडी का ही हिस्सा है.
उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म के लिए अपार संभावनाएं
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म के लिए भी अपार संभावनाएं हैं. हर जिले का स्थान विशेष प्राकृतिक, पर्यावरणीय या वन्य पर्यटन के लिहाज से फायदेमंद है. इन स्थलों को आपस में जोड़ा जाए, तो यह पिकनिक या वन-डे-टूर के तौर पर पर्यटकों को लुभा सकते हैं. वहीं, स्थानीय स्तर भी पिकनिक आउटिंग की मुफीद जगह के तौर पर विकसित हो सकते हैं. ऐसे में ओडीओडी के तहत ऐसे ही जगहों को चयनित कर उन्हें विकसित किया जाएगा. इसके लिए इको टूरिज्म बोर्ड भी बनाया जा रहा है.
चयनित 56 जिलों की सूची
• लखीमपुर खीरी- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान
• चंदौली- चन्द्रप्रभा वन्य जीव विहार
• बहराइच- कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार
• चित्रकूट- रानीपुर वन्य जीव विहार
• ललितपुर- महावीर स्वामी वन्य जीव विहार
• आगरा- सूरसरोवर पक्षी विहार
• मिर्जापुर- कैमूर वन्य जीव विहार
• मेरठ- हस्तिनापुर वन्य जीव विहार
• बिजनौर- अमानगढ़ टाइगर रिजर्व
• बलरामपुर- सोहेलवा वन्य जीव विहार
• वाराणसी- कछुआ प्रजनन केन्द्र
• पीलीभीत- पीलीभीत टाइगर रिजर्व
• उन्नाव- नवाबगंज पक्षी विहार
• रायबरेली- समसपुर पक्षी विहार
• कन्नौज- लाखबहोसी पक्षी विहार
• हरदोई- साण्डी पक्षी विहार
• संतकबीरनगर- बखीरा पक्षी विहार
• गौतमबुद्ध नगर- ओखला पक्षी विहार
• मैनपुरी- समान पक्षी विहार
• गोंडा- पार्वती अरगा पक्षी विहार
• महोबा- विजय सागर पक्षी विहार
• एटा- पटना पक्षी विहार
• प्रतापगढ़- डॉ. भीमराव अम्बेडकर पक्षी विहार
• अलीगढ़- शेखा झील अलीगढ़
• लखनऊ- लखनऊ प्राणि उद्यान
• कानपुर- कानपुर प्राणि उद्यान
• गोरखपुर- गोरखपुर प्राणि उद्यान
• इटावा- लॉयन सफारी इटावा
• बरेली- मिनी जू इज्जत नगर
• अम्बेडकरनगर- दखन झील
• आजमगढ़- बढेला ताल
• औरैया- खानपुर वन ब्लाक
• कानपुर देहात- मगही झील
• कौशाम्बी- अलवारा वेटलैण्ड
• जौनपुर- शाहगंज वेटलैण्ड (घूमर ताल)
• फतेहपुर- अखनई झील
• फर्रुखाबाद- कुठिला झील
• अयोध्या- समदा झील
• देवरिया- सिंधुवा ताल
• बांदा- दियाबानी मंदिर पैलानी
• बाराबंकी- भगहर वेटलैण्ड
• भदोही- समधा ताल
• मथुरा- जोधपुर ताल
• सहारनपुर- एलिफेन्ट रिजर्व
• सिद्धार्थनगर- मझौली सागर
• सीतापुर- अज्जैपुर झील
• सोनभद्र- कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी
• अमेठी- कांदूनाला वन ब्लाक
• हमीरपुर- मौदहा बांध
• हाथरस- नगला शेखा वेटलैण्ड
• बस्ती- संत रविदास वन विहार
• मऊ- वन देवी मंदिर
• शाहजहांपुर- नगर निगम बायोडायवर्सिटी पार्क
• कासगंज- चन्दनपुर घटियारी बायोडायवर्सिटी पार्क
• प्रयागराज- चांद खम्हरिया कृष्ण मृग संरक्षण क्षेत्र
• बलिया- जय प्रकाश नारायण पक्षी विहार (सुरहाताल)
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि परिषद द्वारा जिले में पर्यटन का वातावरण तैयार करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगी. पर्यटन स्थलों के विकास के लिए प्राथमिकता से कार्ययोजना बनाएगी. वित्तीय व्यवस्था के लिए परियोजनाओं और कार्यक्रमों का प्रस्ताव परिषद द्वारा ही निदेशालय को भेजा जाएगा. प्रत्येक विकास भवन या कलक्ट्रेट में परिषद के कर्मी के लिए एक कमरा भी आवंटित किया जाएगा.