रांचीः विधानसभा भवन के निर्माण में बरती गई अनियमितता को लेकर अब न्यायिक आयोग मामले की जांच करेगी। इसके साथ ही राज्य सरकार ने विधानसभा भवन के अलावा निर्माणाधीन हाई कोर्ट भवन निर्माण की अनियमितता की जांच भी न्यायिक आयोग से कराने का निर्देश दिया है।
बता दें कि ये दोनों सरकारी भवन रघुवर सरकार के कार्यकाल में रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के माध्यम से बनाए गये थे। इन दोनों भवनों की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे। इससे पहले राज्य सरकार ने इसमें हुई वित्तीय अनियमितता की जांच एसीबी से कराने का आदेश दिया था। बता दें कि 1 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नव निर्मित झारखंड विधानसभा और झारखंड उच्च न्यायालय के निर्माण कार्य में बरती गई वित्तीय अनियमितता की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी से कराने का आदेश दिया था। महज नौ माह बाद न्यायिक आयोग से जांच कराने के सरकार के आदेश के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
बता दें कि पीएम मोदी ने झारखंड विधानसभा के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन 12 सितंबर 2019 को किया था। 39 एकड़ में फैले तीन मंजिला इमारत का निर्माण 465 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। आनन-फानन में प्रधानमंत्री के हाथों कराये गए उद्घाटन के बाद से ही इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठने शुरू हो गये थे। विधानसभा के इस नवनिर्मित भवन में फायर फाइटिंग के अभाव के कारण आग लगने के अलावे कई बार फॉल्स सिलिंग टूटकर गिर चुका है। राज्य सरकार के निर्णय के बाद अब इस पूरे मामले की जांच न्यायिक आयोग करेगी।