नई दल्ली: आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। गुजरात के बड़े पाटिदार नेता और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पार्टी से मोह भंग हो गया है। बुधवार को हार्दिक ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया है। हार्दिक ने ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकरी दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा,
‘‘आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊँगा।”
साथ ही उन्होंने सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा है। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में हार्दिक ने पार्टी को सच का आईना दिखाते हुए कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा। हार्दिक ने लिखा, अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर हो, CAA-NRC का मुद्दा हो, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना हो अथवा GST लागू करने जैसा निर्णय हो, देश लंबे समय से इनका समाधान चाहता था और कांग्रेस पार्टी सिर्फ इसमें एक बाधा बनने का काम करती रही। कांग्रेस को लगभग देश के हर राज्य में जनता ने रिजेक्ट इसलिए किया है क्योंकि कांग्रेस पार्टी और पार्टी का नेतृत्व जनता के समक्ष एक बेसिक रोडमैप तक प्रस्तुत नहीं कर पाया।
हार्दिक आगे लिखते हैं, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी भी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी एक बड़ा मुद्दा है। मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा कि नेतृत्व का ध्यान गुजरात के लोगों और पार्टी की समस्याओं को सुनने से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा। हार्दिक यहीं नहीं रुके उन्होंने राहुल गांधी का बिना नाम लिए लिखा कि जब भी देश संकट में था अथवा कांग्रेस को नेतृत्व की सबसे ज्यादा आवश्यकता थी तो हमारे नेता विदेश में थे।
उन्होंने पत्र में लिखा कि दुख होता है जब हम जैसे कार्यकर्ता अपनी गाड़ी से अपने खर्च पर दिन में 500-600 किलोमीटर तक की यात्रा करते हैं, जनता के बीच जाते हैं और फिर देखते हैं कि गुजरात के बड़े नेता तो जनता के मुद्दों से दूर सिर्फ इस बात पर ध्यान देते है कि दिल्ली से आए हुए नेता को उनका चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं। मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज गुजरात में हर कोई जानता है कि किस प्रकार कांग्रेस के बड़े नेताओं ने जानबूझकर गुजरात की जनता के मुद्दों को कमजोर किया है और इसके बदले में स्वयं बड़े आर्थिक फायदे उठाए हैं। राजनीतिक विचारधारा अलग हो सकती है परंतु कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का इस प्रकार बिक जाना प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है।
बता दें कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल बीते कुछ समय से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। कुछ समय पहले हार्दिक ने अपने ट्वीटर हैंडल से कांग्रेस व कार्यकारी अध्यक्ष का पद नाम हटा लिया था। जिसके बाद से ही हार्दिक की कांग्रेस छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही थी। गुजरात चुनाव से पहले हार्दिक का इस्तीफा कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस से इस्तीफे के बाद सत्ता के गलियारों में यह हवा तेज है कि हार्दिक जल्द ही भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन कर सकते हैं।