शिक्षा में तकनीक और नवाचार को दें बढ़ावा, गुणवत्ता पर हो फोकस- सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि निजी क्षेत्र के अनेक शैक्षिक संस्थान सराहनीय कार्य कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की समीक्षा की. बैठक में बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक, कृषि व व्यावसायिक शिक्षा विभाग के मंत्रीगण व अधिकारी मौजूद रहे. समीक्षा बैठक के दौरान सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ज्ञान के सैद्धांतिक और व्यावहारिक आयामों का बेहतर समावेश है यह नवीन नीति समाज को स्वाबलंबन और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध होगी.

बैठक में सीएम योगी ने कहा कि निजी क्षेत्र के अनेक शैक्षिक संस्थान सराहनीय कार्य कर रहे हैं. भारतीय संस्कृति के “आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वत:” के सूत्र वाक्य को आत्मसात करते हुए उनके बेस्ट प्रैक्टिसेज को शासकीय संस्थानों में लागू किया जाना चाहिए. साथ ही सीएम योगी ने प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों के नैक प्रत्यायन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए सभी पात्र संस्थानों की तत्काल नैक ग्रेडिंग कराये जाने के निर्देश दिए.

सीएम योगी ने कहा कि अकादमिक संस्थानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए. अकादमिक संस्थान डिग्री बांटने के केंद्र बन कर न रह जाएं. समाज के प्रति उनकी जवाबदेही है, उन्हें उसकी पूर्ति भी करनी चाहिए. विश्वविद्यालयों में स्थानीय समस्याओं पर अन्तर्विषयी शोध कार्यों को प्रोत्साहित किया जाए. शोध के विषय सोशल और नेशनल रेलेवेंट हों. ग्लोबल सिगनीफिकेन्ट रिसर्च को बढ़ावा देना होगा.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या का 77.7% ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है. अतः उन्नत भारत अभियान स्कीम (UBA) के तहत अधिक से अधिक शिक्षा संस्थानों को ग्रामीण इलाकों से जोड़ना चाहिए तथा ग्राम्य विकास से सम्बंधित पाठ्यक्रमों के संचालन पर विशेष बल देना चाहिए. हमें प्रदेश में उद्योग-अकादमिक संबंधों को बढ़ाना चाहिए. सोशल कनेक्ट के ज़रिये शिक्षा संस्थानों द्वारा गांवों में लघु उद्योग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.

माध्यमिक विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए सीएम योगी ने करिकुलम एंड पेडागॉज़ी, मूल्यांकन एवं परीक्षा सुधार, शिक्षकों की क्षमता वृद्धि एवं शिक्षकों की नियुक्ति, कौशल उन्नयन की दिशा में सुधार के लिए विशेष प्रयास की जरूरत बताई. साथ ही उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के गणवेश, स्वेटर, स्कूल बैग के लिए सीधे अभिभावक के बैंक खाते में धनराशि भेजी जा रही है. पारदर्शिता और सहजता के लिहाज से इस बदलाव के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं.

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