Tuesday, November 22, 2022
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    यूपी में नेताओं की नहीं सुन रहे अधिकारी, राज्यमंत्री दिनेश खटीक के बाद एक और BJP विधायक ने लिखी चिट्ठी

    बीजेपी विधायक ने चिट्ठी में आपने साथ अधिकारियों द्वारा बुरे बर्ताव और अपमानित किए जाने की बात लिखी है.

    उत्तर प्रदेश सरकार के जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे के बाद अब एक और भाजपा के नेता की चिट्ठी वायरल है. बीजेपी विधायक ने चिट्ठी में आपने साथ अधिकारियों द्वारा बुरे बर्ताव और अपमानित किए जाने की बात लिखी है. यह चिट्ठी उन्नाव के सफीपुर विधानसभा के बीजेपी विधायक बंबा लाल दिवाकर ने लिखी है. बीजेपी विधायक द्वारा एक अधिषाशी अभियन्ता पर फोन नहीं उठाने और फोन उठाने पर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है.

    विधायक ने अधिकारी पर लगाए आरोप

    बीजेपी विधायक की तरफ से जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को लिखी गई चिट्ठी में हसनगंज विद्युत वितरण खंड के अधिषाशी अभियन्ता रजनीश चंद्र अनुरागी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. विधायक ने चिट्ठी में लिखा है कि जनता से ट्रांसफॉर्मर खराब होने और बिजली नहीं आने की शिकायत मिलने के बाद उन्होंने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक कई बार फोन किया गया. लेकिन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने उनका फोन नहीं उठाया. और जब इंजीनियर ने फोन उठाया, तब विधायक के प्रति उनका बर्ताव सही नहीं था.

    बीजेपी विधायक ने चिट्ठी में आगे लिखा कि इंजीनियर ने उनसे कहा कि मुझे बार-बार फोन क्यों करते हो. एक ही काम के लिए बार-बार फोन मत किया करो. मैं कोई लाइन मैन हूं जो आपके क्षेत्र की समस्या हल करूंगा. विधायक ने इंजीनियर रजनीश चंद्र अनुरागी का ट्रांसफर करने और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की मांग की है.

    विधायक ने की कार्रवाई की मांग

    विधायक ने चिट्ठी में लिखा कि अधिषाशी अभियन्ता द्वारा ऐसी भाषा का प्रयोग किया जाना अनुचित है. उन्होंने मेरे अधिकारों का हनन किया है. जनहित में इंजीनियर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करके दूसरी जगह ट्रांसफर किया जाना जरूरी है.

    आपको बता दें कि बीते दिनों 19 जुलाई 2022 को जलशक्ति विभाग में राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी में शिकायत की थी कि अधिकारी उनकी सुनते नहीं हैं. मैं एक दलित जाति का मंत्री हूं. इसीलिए इस विभाग में मेरे साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है. मेरे पत्रों का जवाब नहीं दिया जाता है. मेरे द्वारा लिखे पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.

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