भारत की शान, भारत को टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जिताने वाले नीरज चोपड़ा को आज कौन नही जानता. खेल में अपनी प्रतिभा के दम पर नीरज ने विश्वभर में नाम कमाया है. उनके भाला फेंकने की काबिलियत दुनियाभर में प्रसिद्ध हो चुकी है. 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को गोल्ड दिलाने के बाद नीरज चोपड़ा ने 2021 टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड हासिल कर इतिहास रच दिया था. नीरज का यह सफर आसान नही रहा है. बहुत संघर्षों के बाद वह आज देश का नाम रोशन कर रहे हैं.
टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतने के बाद नीरज ने अब देश को एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेडल दिलाकर इतिहास रच दिया है. सिल्वर मेडल जीतकर एथेलेटिक्स चैंपियनशिप के इतिहास में भारत की दूसरा पदक दिलाया है. भारत को पहला पदक 2003 में अंजु बॉबी जॉर्ज ने दिलाया था.
नीरज का यह सफर जितना देखने में आसान लगता है उतना है नही. कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीतने के बाद साल 2019 नीरज चोपड़ा के लिए बहुत ही खराब साल रहा. चोट और सर्जरी के चलते नीरज मैदान से 6 महीनो तक दूर रहे. नीरज जिस हाथ से भाला फेंकते हैं उन्हें उसी हाथ की सर्जरी करानी पड़ी. नीरज का ऑपरेशन करने वाले आर्थोपेडिक सर्जन दिनशॉ पारदीवाला ने बताया नीरज को कोहनी में चोट लगी थी, यह चोट उनके कैरियर को भी खतरे में डाल सकती थी सही समय पर इलाज की वजह से सब ठीक रहा.
सर्जरी के बाद चार महीने तक नीरज को रिहाब से गुजरना पड़ा इसके बाद सब ठीक हुआ और वह वापस से भाला फेंकने में सक्षम हुए. कोरोना की वजह से टोक्यो ओलंपिक एक साल के लिए टल गया इस दौरान नीरज ने जमकर अभ्यास किया और आज वह इतिहास रचते जा रहे हैं.
टोक्यो ओलंपिक में 7 अगस्त, 2021 में भारत को गोल्ड दिलाकर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया. उन्होंने 87.58 मीटर की दूरी पर भाला फेंकते हुए देश को ओलंपिक में ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में पहला गोल्ड दिलाया.