उत्तर प्रदेश में हाउस टैक्स बढ़ाने की तैयारी चल रही है. इस मामले में महापौर और पार्षद दखल नहीं दे सकेंगे. इस पर विचार के लिए कमेटी का गठन किया गया. बताया जा रहा है कि हर 2 साल में टैक्स बढ़ाया जाएगा. नगर निगमों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए शासन ने कड़ी पहल की है. इसके लिए प्रमुख सचिव नगर विकास की अध्यक्षता में 13 अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय कमेटी बना दी गई है.
आपको बता दें कि, नगर निगम अधिनियम में हर दो वर्ष में टैक्स बढ़ाने का प्रावधान है. कार्यकारिणी और सदन की मंजूरी के बाद टैक्स बढ़ सकता है. नई कमेटी में शामिल एक अधिकारी के मुताबिक, अब ऐसी व्यवस्था बनाने की तैयारी है, जिससे हर दो वर्ष में हाउस टैक्स रिवाइज हो जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के सभी नगर निगमों की आर्थिक स्थिति कमजोर है. इसी के मद्देनज़र शासन ने नगर निगमों की हालत सुधारने की दिशा में काम शुरू किया है. नवगठित समिति पूरे प्रदेश मे टैक्स बढ़ाने की योजना पर काम करेगी. बता दें, प्रदेश की राजधानी में लखनऊ नगर निगम ने पिछले 12 वर्षों से हाउस टैक्स नहीं बढ़ाया है. इसका काफी ज्यादा असर नगर निगम की वित्तीय स्थिति पर पड़ा है. ऐसी हालत प्रदेश के कई नगर निगमों में भी है. इसी के साथ शासन की मंशा छूटे हुए मकानों को भी कर के दायरे में लाने की है.