मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है. लखनऊ के कैसरबाग में पालतू लेकिन फितरत से शिकारी पिटबुल कुत्ते ने 80 वर्ष की अपनी ही मालकिन को नोच-नोच कर मार डाला. कुत्ता घर लाते वक्त अमित (मृतका का बेटा) ने कभी नहीं सोचा होगा कि वहीं कुत्ता उसकी मां की मौत की वजह बन जाएगा.
जिसने पाला उसी पर किया हमला
आस-पास रहने वाले लोगों ने बताया कि मंगलवार सुबह 5 बजे सुशीला अपने कुत्ते के साथ छत पर टहल रही थीं इसी दौरान कुत्ते ने उनपर हमला कर दिया. कुत्ते ने सुशीला के शरीर को कई जगह से अपने जबड़े से काट डाला. थोड़ी देर बाद नौकरानी काम करने आई तो उसने सुशीला को जमीन पर लहूलुहान पड़े देखा. जिसके बाद उसने तुरंत उनके बेटे अमित को फोन किया. बेटा अमित जिम गया हुआ था. वह आनन-फानन में जिम से घर आया और मां को खून से लथपथ देख उसके होश उड़ गए. बिना देरी किए वह अपनी मां को हॉस्पिटल लेकर गया. लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका. डॉक्टरों के मुताबिक ज्यादा खून बह जाने से सुशीला की मौत हुई है. सुशीला के शरीर पर 12 गंभीर घाव थे.
3 साल पहले बेटा कुत्ते को लाया था
मृतका सुशीला के बेटे अमित ने कहा कि पिटबुल और लेब्राडोर नस्ल के दोनों कुत्तों के लिए अलग से कमरा था, जिसमें एसी लगा हुआ था. उन्होंने कहा कि दोनों कुत्तों को कुछ भी हो जाता था तो वह काफी परेशान हो जाती थीं और तुरंत डॉक्टर को दिखाने की जिद करने लगती थीं. हमले के बाद मां को अस्पताल ले जाते वक्त पिटबुल अमित के पास आया और वह शांत था. बता दें, ब्राउनी नाम के पिटबुल नस्ल के इस कुत्ते को 3 साल पहले सुशीला का बेटा अमित घर लाया था. पिटबुल के अलावा सुशीला के घर में एक और पालतू कुत्ता लैब्राडोर भी है.
कई देशों में बैन है पिटबुल
आपको बता दें कि पिटबुल अमेरिकी शिकारी कुत्ते की नस्ल है. यह बुलडॉग और रेटियर नस्ल की क्रास ब्रीडिंग से पैदा होता है. यह काफी खतरनाक होते हैं, इसलिए कई देशों में पिटबुल प्रजाति के कुत्ते को रिहायशी इलाकों में पालने पर भी बैन लगा हुआ है. यह कुत्ते किसी व्यक्ति या जानवर को कब्जे में लेने पर अपने जबड़ों को लॉक कर लेते हैं. जिसे छुड़ा पाना आसान नहीं होता है.