हमारे देश में अलग अलग टैक्स स्लैब पर अलग अलग टैक्स दर तय की गई है. व्यक्तिगत करदाता की तीन कैटेगरी तय की गई हैं. पहली 60 साल से कम के लोगों के लिए, दूसरा वरिष्ठ नागरिक, जिसमें 60 साल से 80 साल की उम्र वाले लोग आते हैं और तीसरा 80 साल से अधिक लोगों के लिए है.
7 स्लैब बनाए गए हैं. इनमें 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय वालों पर 5 % टैक्स लगता है. 5 लाख से 7.5 लाख तक की आय वालों पर 10% टैक्स और 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक की सालाना इनकम वालों पर 15 फीसदी टैक्स लगता है.
वहीं 10 लाख रुपए से 12.5 लाख रुपए की सालाना कमाई पर 20% टैक्स चुकाना होगा. अगर किसी व्यक्ति की आय 12.5 लाख से 15 लाख रुपए तक की है, तो उन पर 25% टैक्स लगाया जाएगा. 15 लाख रुपए से ज्यादा कमाई वालों पर 30 फीसदी का टैक्स लगाया जाता है.
भारत में आयकर व्यवस्था का इतिहास काफी पुराना है. माना जाता है कि 1857 की प्रथम क्रांति से ब्रिटिश सरकार को काफी घाटा हुआ और उसकी भरपाई के लिए ही टैक्स की शुरुआत हुई. हालांकि बाद 1918, 1922 और 1961 में कई संशोधन किए गए. वर्तमान में जो टैक्स व्यवस्था है, उसके ज्यादातर प्रावधान इनकम टैक्स एक्ट 1961 के हैं.