प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में देश के सबसे बड़े ड्रोन उत्सव ”भारत ड्रोन महोत्सव 2022” का उद्घाटन किया. इस बीच पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान किसान ड्रोन पायलटों से बातचीत की और ओपन एयर ड्रोन उड़ान प्रदर्शन का अवलोकन भी किया. केवल इतना ही नहीं पीएम मोदी ने इस क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप्स के लोगों से भी बातचीत और चर्चा की. इस दो दिवसीय महोत्सव में सरकारी अधिकारियों, विदेशी राजनयिकों, सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, निजी कंपनियों और ड्रोन स्टार्टअप आदि सहित 1,600 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
दरअसल, आत्मनिर्भर भारत की तरफ बड़े कदम की ओर ड्रोन तकनीक बड़ी भूमिका निभाने वाली है. महोत्सव में अन्य कार्यक्रमों के अलावा ड्रोन पायलट प्रमाणपत्र का वर्चुअल वितरण, उत्पादों की लॉन्चिंग, पेनल चर्चा, उड़ान प्रदर्शन, मेड इन इंडिया ड्रोन टैक्सी प्रोटोटाइप की प्रदर्शनी आदि को भी शामिल किया गया है.
आपको बता दें कि आज के समय में ड्रोन का इस्तेमाल एग्रीकल्चर से लेकर डिफेंस में किया जा रहा है. डिफेंस में खासतौर से इन्हें स्ट्रेटजिकली इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही साथ रोजमर्रा की जो हमारी इंडस्ट्री है उनमें भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा पुलिसिंग में भी ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी रखने के लिए किया जा सकता है.
सरकार की ओर से एक कोशिश यह भी हो रही है कि सरकार की ओर से जितने भी सरकारी PSU हैं या डिफेंस PSU की बात करें या गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन हैं, पुलिसिंग की बात करें तो उनमें कोलैबोरेटिव मोड में कई तरह के स्टार्टअप हैं, उनको लेकर आगे बढ़ा जा सकता है, ये सारी कोशिशें सरकार की ओर से की जा रही है.
बता दें, सरकार की ओर से ‘नई ड्रोन पॉलिसी-2021’ लाई गई. इसका विजन पूरे देश में बेहतर इंसेंटिव के जरिए न केवल प्रोडक्शन को बढ़ाया जाए बल्कि तकनीक को भी बढ़ाने का है. नई ड्रोन पॉलिसी 2021 यह भी कहती है कि देश के तमाम क्षेत्र लगातार मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरें और भारत ड्रोन मैन्युफैक्चरर के बतौर जाना जाएं. इसी आधार पर अब कहा जा रहा है कि साल 2030 तक भारत ड्रोन हब बन जाएगा. तभी तो यह उत्सव सिर्फ ड्रोन का नहीं, बल्कि नए भारत-नई गवर्नेंस का उत्सव है.