Monday, November 7, 2022
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    जानिए कैसे ‘डिजिटल फॉर आल’ की मुहिम पर काम कर रहा भारत

    आज देश के चुनिंदा शहरों में लॉन्च किए जाने वाले 5जी को अब सरकार को देश के कोने-कोने में जन-जन तक पहुंचाना है, जहां सरकार पीएम मोदी के 'डिजिटल फॉर ऑल' के सपने को साकार कर सके.

    पीएम मोदी ने शनिवार को 5जी सेवाओं की शुरुआत करते हुए कहा कि आज देश ‘डिजिटल फॉर आल’ की मुहिम पर काम कर रहा है. सरकार के प्रयासों से अब यह क्षेत्र भी लोकतांत्रिक हो गया और देश का गरीब सशक्त हो रहा है.

    8 साल में केंद्र सरकार ने किए तमाम प्रयास

    वाकयी बीते 8 साल में पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के तमाम प्रयासों से भारत आज उस मुकाम पर पहुंच चुका है जहां दुनिया मान रही है कि आने वाला दशक ही नहीं बल्कि अगली शताब्दी भी भारत की होगी. आज देश के चुनिंदा शहरों में लॉन्च किए जाने वाले 5जी को अब सरकार को देश के कोने-कोने में जन-जन तक पहुंचाना है, जहां सरकार पीएम मोदी के ‘डिजिटल फॉर ऑल’ के सपने को साकार कर सके. इसी के तहत सरकार की योजना आगामी कुछ वर्षों में उत्तरोत्तर पूरे देश को कवर करने की है.

    भारत सरकार का उद्देश्य

    भारत सरकार का उद्देश्य देश में डिजिटल सहूलियतों को बढ़ाने के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स, ब्लॉकचैन और मेटावर्स की पूरी क्षमता को इस्तेमाल करना है ताकि देश को तरक्की की राह में और आगे ले जाया जा सके.

    5जी से देश के युवा वर्ग को सबसे अधिक

    5जी सेवाओं के लॉन्च का लाभ देश के युवा वर्ग को सबसे अधिक होने वाला है. किसी भी देश व समाज को बनाने में उस देश की युवा पीढ़ी की मुख्य भूमिका होती है. युवा पीढ़ी में न केवल जोश व उत्साह होता है बल्कि उनमें नए विचारों की सृजनात्मक व परिवर्तन लाने वाली दक्षता भी होती है. ऐसे में हमारी सरकार इस युवा शक्ति का सही दिशा में इस्तेमाल करना चाहती है. आज की युवा पीढ़ी को अधिक सक्षम बनाने के लिए देश में 5जी सेवा का होना बहुत जरूरी था क्योंकि इससे देश के लोगों की सहूलियत बढ़ेगी और जीवन जीना आसान बनेगा.

    केवल इतना ही नहीं 5जी नए आर्थिक अवसर और सामाजिक लाभ प्रदान कर सकता है और इसे भारतीय समाज के लिए एक परिवर्तनकारी शक्ति बनने की क्षमता प्रदान कर सकता है. यह देश के विकास की पारंपरिक बाधाओं को दूर करने, स्टार्टअप्स और व्यावसायिक उद्यमों द्वारा नवाचारों को बढ़ावा देने के साथ-साथ ‘डिजिटल इंडिया’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में मदद करेगा. भारत पर 5जी का कुल मिलाकर आर्थिक प्रभाव 2035 तक 450 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.

    गरीब लोग भी समझ रहे डिजिटल इंडिया का मतलब

    वो जमाना गुजर गया जब समझा जाता था कि गरीब लोग डिजिटल का मतलब भी नहीं समझ पाएंगे. आज गरीब से गरीब भी यूपीआई पेमेंट के बारे में जानता है. यह डिजिटल होते भारत की ही तो देन है. यानि देश को अब अपने सामान्य मानवी की समझ, विवेक और जिज्ञासु मन भरोसा करना होगा और यही वर्तमान सरकार कर रही है. वर्तमान सरकार डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करने के लिए छोटे व्यापारियों को हमेशा सजग करती रही है. अच्छी बात यह है कि देश के गरीब भी हमेशा नई तकनीकों को अपनाने के लिए आगे आते हैं. ऐसे में हमारे देश की जो ताकत है, इस ताकत को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते.

    तभी आज ‘इंटरनेट फॉर आल’ के लक्ष्य पर सरकार काम कर रही है. इस संबंध में पीएम मोदी ने कहा है कि ”जैसे सरकार ने घर-घर बिजली पहुंचाने की मुहिम शुरू की, जैसे हर घर जल अभियान के जरिए हर किसी तक साफ पानी पहुंचाने के मिशन पर काम किया. जैसे उज्जवला योजना के जरिए गरीब से गरीब आदमी के घर में भी गैस सिलेंडर पहुंचाया. वैसे ही हमारी सरकार इंटरनेट फॉर आल के लक्ष्य पर काम कर रही है.”

    हजारों मोबाइल निर्यात कर रहा भारत

    डिजिटल होते भारत के लिए एक बात यह अच्छी रही है कि साल 2014 में जीरो मोबाइल फोन निर्यात करने वाला भारत आज हजारों करोड़ के मोबाइल फोन निर्यात करने वाले देश बन चुका है. इसका प्रभाव सीधा डिवाइस की कीमत पर पड़ा है. अब कम से कम कीमत पर भी हमें ज्यादा फीचर्स वाले स्मार्टफोन मिलने लगे हैं. वहीं ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी वाली केवल 100 ग्राम पंचायतों से, भारत में अब ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ी 170,000 से अधिक पंचायतें हैं. किसान, छोटे दुकानदार को एप के जरिए रोज की जरूरतें पूरी करने का रास्ता तैयार हुआ है. छोटे व्यापारी, छोटे उद्यमी, लोकल कलाकार और कारीगर सबको डिजिटल इंडिया ने मंच और बाजार दिया है.

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