स्वच्छ भारत मिशन की भावना को स्कूली छात्रों से साझा करने के उद्देश्य से कारचर इंडिया ने मालवीय नगर स्थित एसडीएमसी स्कूल में सफाई करने वाली मशीनों की नुमाइश की। कारचर इंडिया ने बच्चों की पढ़ाई, लिखाई और उचित पोषण की दिशा में काम कर रही गैर सरकारी संस्था विद्या को इसमें अपना साझीदार बनाया। स्कूली छात्रों को आसानी से उपयोग होने वाली मशीनों के बारे में न सिर्फ जानकारी दी गयी, बल्कि उन्हें इन मशीनों पर हाथ आजमाने का भी मौका दिया गया।
कारचर की मशीनें कैसे मुश्किल से मुश्किल सफाई को तुरंत अंजाम देती हैं, छात्रों को इसके लिए एक लाइव डेमो भी दिया गया। मशीनों को काम करते देख छात्र बहुत आनंदित हुए और उन्होंने भी मशीने चला कर देखीं। एसडीएमसी स्कूल में कारचर इंडिया अपनी तीन सबसे ज्यादा लोकप्रिय मशीनों को लेकर गयी थी –
कार्डलेस झाड़ू – KB5 – इस झाड़ू की मदद से बच्चों ने कटे-फ़टे कागज़ और पेंसिल की छीलन उठायी
कॉर्डलेस ड्राई वैक्यूम क्लीनर – VC 4i – इस मशीन की मदद से बच्चों ने बेंच और टेबल के नीचे की दुश्वार जगहों की सफाई की
विंडो वैक्युम – WV1 प्लस – इसने खिड़कियों और अन्य सतहों की सफाई की
“यह बच्चे भारत का भविष्य हैं। हमारा प्रयास है कि इन बच्चों को स्वस्थ पर्यावरण के निर्माण की ओर न सिर्फ जागरूक किया जाए, बल्कि उस दिशा में आगे बढ़ने में सही जानकारी भी दी जाए। शुरू में, बच्चों ने नहीं सोचा था कि मशीनों को चलाना इतना आसान होगा, लेकिन बाद में इन्हीं मशीनों को चलाकर छात्रों ने काफी आनंद लिया,” श्री जतिंदर कौल, कारचर इंडिया के प्रबंध निदेशक ने बताया।
इसके अलावा कारचर इंडिया ने छात्रों के लिए एक रचनात्मक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया। छात्रों को बोलै गया कि ‘स्वच्छ’ शब्द सुनते ही उनके दिमाग में जो भी तस्वीर, विचार आ रहे हों उनको कोरे कागज़ पर उकेरें। इसके बाद छात्रों ने बहुत ही सुदंर और आश्चर्यजनक चित्रकारी पेश की। उनके मन में जो भी रचनात्मक विचार आए, छात्रों ने उन विचारों को सुंदर चित्रों में बदल दिया।
प्रेमलता वर्मा, विद्या की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर ने कहा, “हम कारचर इंडिया के साथ जुड़ने और छात्रों तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए काफी उत्साहित हैं। आज छात्रों ने बहुत सी नई चीजें सीखी और साथ ही मशीनों को चलाने में बहुत मज़ा किया।” उन्होंने टीम का भी धन्यवाद किया जिसने छात्रों को रंग, कागज और चित्रकारी के लिए जरुरी वस्तुएं मुहैय्या करवायीं।