उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में बीते तीन जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के मामले में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे अब पुलिस की रडार पर हैं. जांच में पता चला है कि इन बच्चों ने जमकर पत्थरबाजी और बर फेंके थे. पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि हिंसा कराने के लिए मदरसे के बच्चों को पहले बिरयानी खिलाई गई फिर उन्हें पैसे भी दिए गए.
खबरों के अनुसार, jcp आनंद प्रकाश तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि NCPCR ने भी इसका संज्ञान लेते हुए कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा को जाँच का आदेश दिया है. अभी तक कि जाँच में सामने आया कि नाबालिग बच्चों को रुपए देकर हिंसा के लिए डायवर्ट किया गया. बच्चों तक पैसा सीधे नहीं, बल्कि अलग-अलग चैनल से भेजे गए थे. जिसके लिए इस्लामिक कट्टरपंथियों का इस्तेमाल किया गया था.
आपको बता दें कि, हिंसा की जांच में कानपुर के नामी बिल्डर हाजी वासी समेत 8 बिल्डरों के नाम समाने आए थे. जो कानपुर हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी को फंडिंग करते थे. फिलहाल पुलिस इस बात की जानकारी कर रही है कि कहीं इस पैसे का इस्तेमाल हिंसा फैलाने के लिए तो नहीं किया गया है. कानपुर हिंसा के आरोपितों को पाँच दिन की रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी गई है. कानपुर पुलिस जल्द ही जाँच पूरी करके अपनी रिपोर्ट NCPCR को सौंपेगी.