कानपुर IIT ने एक ऐसा ड्रोन बनाया है, जिससे किसानों को फायदा होगा. ड्रोन फसलों की निगरानी तो करेगा ही साथ ही आठ घंटे में 30 हेक्टेयर क्षेत्र पर रासायनिक दवाओं का छिड़काव भी करेगा. यह 10 मीटर ऊंचाई वाले बागवानी पौधों पर भी आसानी से रासायनिक छिड़काव कर सकेगा. दरअसल केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन कानपुर में भी संचालित की गई है. योजना के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कानपुर IIT ने ड्रोन का निर्माण किया है.
ड्रोन के माध्यम से आठ घण्टे में 30 हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि रक्षा रसायनों एवं उर्वरकों का छिड़काव करके कम रसायन से अधिक क्षेत्र आच्छादित कर लागत में कमी लाते हुए आय में वृद्धि की जा सकेगी. इस नई तकनीक के प्रयोग से सब्जियों, फसलों एवं औद्यानिक फसलों में भी 10 मीटर की ऊंचाई तक फसलों में लगने वाले कीट-रोगों के नियंत्रण में सुगमता प्राप्त होगी.
मंडलायुक्त डॉ राज शेखर ने बताया कि कृषि के क्षेत्र में कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से ड्रोन के प्रयोग से पीएम के सपनों को साकार किया जाएगा. उन्होंने मंडल के कृषक उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों के मध्य ड्रोन का प्रचार-प्रसार करते हुए अग्रणी भूमिका निभाने की अपील की. उन्होंने IIT कानपुर के विशेषज्ञों से ड्रोन की बैटरी की क्षमता बढ़ाने के लिए तथा ड्रोन के सर्विस सेंटर की स्थापना कराने के लिए भी सुझाव दिया.
बता दें कि केंद्र सरकार किसानों को ड्रोन उपयोग के लिए बढ़ावा दे रही है. इसके लिए ड्रोन खरीदने में विभिन्न वर्गों को छूट प्रदान की जा रही है. अनुसूचित जाति- जनजाति, लघु और सीमांत, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों के लिए ड्रोन की खरीद हेतु ड्रोन लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी. अन्य किसानों को 40 प्रतिशत अथवा अधिकतम 4 लाख रु. की सहायता दी जाएगी.