स्वतंत्रता दिवस पर धमाका करने की साजिश को उत्तर प्रदेश एटीएस ने नाकाम कर दिया है. एटीएस ने आईएसआईएस के एक आतंकी को आजमगढ़ से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आतंकी सबाऊद्दीन आजमी के पास से आईईडी बनाने का सामान, अवैध असलहा और कारतूस बरामद हुआ है. बताया जा रहा है कि वह आईएसआईएस के रिक्रूटर से सीधे संपर्क में था.
एआईएमआईएम सदस्य है सबाउद्दीन आजमी
गिरफ्तारी के बाद उसे पूछताछ के लिए एटीएस हेड ऑफिस लाया गया है. इस दौरान उसका मोबाइल डेटा भी खंगाला गया. इसमें उसके टेलीग्राम चैनल अल-सक्र मीडिया से जुड़े हुए होने के सबूत मिले हैं. यह ग्रुप जेहाद के लिए मुस्लिम युवकों का ब्रेनवॉश करने के लिए बनाया गया है. सबाउद्दीन आजमी इस समय असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम का सदस्य है.
अपनी पहचान बदलने में माहिर है गिरफ्तार आतंकी
एटीएस के मुताबिक, सबाउद्दीन ने आरएसएस के नाम से मेल आईडी बनाई. उससे फेसबुक अकाउंट बना कर वह आरएसएस से जुड़े लोगों को टारगेट करने की योजना पर काम कर रहा था. उसके कब्जे से तमंचा, शोल्डिंग आयरन, मोबाइल और चाइनीज कील बरामद हुई है. जानकारी के मुताबिक, सबाउद्दीन आजमी सबाहु, दिलावर खान, बैरम खान और आजर के नाम से भी अपनी पहचान बदलता रहता है. वह मुबारकपुर के अमिलो का रहने वाला है.
निशाने पर थे आरएसएस से जुड़े लोग
बता दें कि कि यूपी एटीएस की ओर से स्वतंत्रता दिवस की संवेदनशीलता को देखते हुए बल की समस्त टीमों को सतर्क रहने के निर्देश हैं. रेडिकल तत्वों पर नजर रखी जा रही है. इसी क्रम में यूपी एटीएस को सहयोगी एजेंसी से सूचना मिली कि, अमिलो मुबारकपुर, जिला आजमगढ़ में एक व्यक्ति अपने साथियों के जरिए आईएसआईएस विचारधारा से प्रभावित होकर व्हाट्सऐप समेत विभिन्न सोशल मीडिया एप्लीकेशन के माध्यम से जिहादी विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर रहा है और अन्य लोगों को भी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहा है.
बिलाल नाम के व्यक्ति से करता था चैट
एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक, सबाउद्दीन से पूछताछ में सामने आया है कि वह मुस्लिम युवकों का ब्रेनवॉश करता था. यह भी पता चला है कि वह अक्सर बिलाल नाम के व्यक्ति से फेसबुक पर चैट करता था. इसमें बिलाल उसे जिहाद और कश्मीर में मुजाहिदों पर हो रही कार्रवाई के बारे में बताता था. बातों-बातों में ही बिलाल ने उसको मूसा उर्फ खत्ताब कश्मीरी का नंबर दिया. मूसा आईएसआईएस का सदस्य है. बाद में मूसा से भी सबाउद्दीन की बात होने लगी. कश्मीर में मुजाहिदों पर हो रहे जुल्म का बदला लेने की योजना के बारे में मूसा ने ही उसे बताया था. साथ ही उसे आईएसआईएस के अबू बकर अल-शामी का नंबर दिया, जो इस समय सीरिया में है.
अबू बकर अल शामी के सम्पर्क में आने के बाद सबाउद्दीन ने मुजाहिदों पर हो रही कार्रवाई का बदला लेने के लिए आईएसआईएस की तरह भारत में भी एक इस्लामिक संगठन बनाने तथा आईईडी बनाने के संबंध में जानकारी दी. शामी ने सबाउद्दीन को आईईडी बनाने की विधि व आवश्यक सामग्री बताई तथा उसका सम्पर्क आईएसआईएस रिक्रूटर अबू उमर जो मुर्तानिया का रहने वाला है, से कराया. अबू उमर ने सोशल मीडिया ऐप्स के माध्यम से हैंड ग्रेनेड, बम व आईईडी बनाने की ट्रेनिंग देना शुरू किया तथा मुजाहिदिन संगठन तैयार करके भारत में इस्लामिक स्टेट स्थापित करने तथा भारत में इस्लामी हुकूमत एवं शरिया कानून लागू कराने की योजना पर काम करने लगे.