यूपी में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों को अब अपने सपनों को पूरा करने के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन नहीं करना होगा. उनके सपनों को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना शुरू की है. जिसके अंतर्गत प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को उनके ज़िला मुख्यालय पर ही मुफ़्त कोचिंग की सुविधा समाज कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है. ये बातें प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरूण ने मंगलवार को लोकभवन के मीडिया सेन्टर में विभाग की 100 दिन की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया.
प्रयोगकर्ताओं से फ़ीडबैक के आधार पर तैयार होगी वेबसाइट
असीम अरूण ने कहा कि समाज कल्याण विभाग की योजनाएं जैसे वृद्धा अवस्था पेंशन, छात्रवृत्ति आदि योजनाओं में प्रयोगकर्ता के काम को आसान करने के लिए आईटी सेल का गठन किया गया है. जो प्रयोगकर्ताओं से लगातार फ़ीडबैक लेकर वेबसाइट को सुधारेगी.
भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरन्स की नीति
उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरन्स की नीति अपनाईं गयी है. भ्रष्टाचार की सम्भावनाओं को समाप्त करने के लिए डीबीटी, आईटी और आधार लिंकिंग जैसी व्यवस्थाओं को प्रयोग किया गया है. भविष्य में इनका प्रयोग और बढ़ाया जाएगा.
57 ज़िलों में शुरू हुआ कोचिंग का संचालन
असीम अरुण ने बताया की सीएम योगी के निर्देशों के क्रम में 100 दिन में 57 जनपदों में अभ्युदय कोचिंग का सफलता पूर्वक संचालन शुरू हो गया है. विभाग का इस बात पर फ़ोकस है कि ऑनलाइन व्यवस्था के माध्यम से परीक्षार्थियों को उनके घर पर ही उच्चकोटि का टीचिंग मैटेरियल उपलब्ध कराया जा सके. ताकि समाज के हर वर्ग से छात्र-छात्राएँ अपने सपनों को पूरा कर सकें.
500 मेधावी छात्रों के लिए 30 करोड़ की व्यवस्था
असीम अरुण ने कहा कि विभाग ने पहले 100 दिन के लिए अनुसूचित जाति के 500 मेधावी छात्रों को संपूर्ण शिक्षण शुल्क, मेस व छात्रावास के खर्च के लिए 30 करोड़ की व्यवस्था और छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिप्यूट की राष्ट्रीय स्तर की 250 व उत्तर प्रदेश की उत्कृष्ट संस्थाओं के चिन्हीकरण का लक्ष्य तय किया था. इस संबंध में प्रस्ताव व आदेश तैयार हो चुका है.