Sunday, November 27, 2022
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    देशभर में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है केंद्र सरकार

    प्रधानमंत्री द्वारा 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की आधारशिला रखना था. एक्सप्रेस-वे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया है.

    केंद्र सरकार देशभर में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसकी एक प्रमुख विशेषता सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार की दिशा में काम करना है. इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास प्रधानमंत्री द्वारा 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की आधारशिला रखना था. एक्सप्रेस-वे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया है और अब 16 जुलाई 2022 को इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा.

    296 KM लंबा फोर-लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण

    उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में लगभग 14 हजार 850 करोड़ रुपए की लागत से 296 किलोमीटर, फोर-लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण किया गया है, और बाद में इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है.

    इन इलाकों को मिलेगा फायदा

    यह चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में एनएच-35 से इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है. यह सात जिलों चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है.

    बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनेगा आर्थिक विकास की राह

    क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों के लिए हजारों नौकरियों का सृजन होगा. एक्सप्रेस-वे के बगल में बांदा और जालौन जिलों में औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम शुरू हो चुका है.

    जहां सड़क वहां विकास का मार्ग

    ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि ‘जहां सड़क वहां विकास’ का मार्ग प्रशस्त करते हुए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उत्तर प्रदेश में तीव्र गति से सड़कों का जाल बिछा रही हैं. इस क्रम में पूरे प्रदेश में तेजी से विभिन्न एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इनमें से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो गया है जिसे पीएम मोदी आगामी 16 जुलाई को राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

    ज्ञात हो हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे नेटवर्क की आधारशिला रखी थी. वहीं अब आने वाले समय में दुनिया के कई देशों से अधिक एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी यूपी में होगी.

    3200 किलोमीटर लंबे कुल 13 एक्सप्रेसवे में से सात पर तेजी से चल रहा काम

    निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही उत्तर प्रदेश 13 एक्सप्रेसवे वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. बता दें 3,200 किलोमीटर के कुल 13 एक्सप्रेसवे में से सात पर तेजी से काम चल रहा है, जबकि छह एक्सप्रेसवे संचालित हैं. 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के बाद बुंदेलखंड दिल्ली से सीधे जुड़ जाएगा. कुछ इस प्रकार यूपी की सड़कें तरक्की का आईना बनती नजर आ रही हैं.

    पिछड़ेपन के दाग से बुंदेलखंड होगा मुक्त

    इसी के साथ दशकों से पिछड़ा बुंदेलखंड अब सीधे दिल्ली से जुड़ने वाला है. डीएनडी फ्लाइवे नौ किलोमीटर, नोएड-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे 24 किलोमीटर, यमुना एक्सप्रेसवे 165 किलोमीटर, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे 135 किलोमीटर और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 296 किलोमीटर कुल 630 किलोमीटर की यात्रा दिल्ली से चित्रकूट तक निर्बाध गति से की जा सकेगी. बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे लोगों को दिल्ली सहित अन्य राज्यों से भी जोड़ेगा. इससे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा आदि जिलों के लोग लाभान्वित होंगे. देश में पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश में सीएम योगी सरकार आने के बाद से बुंदेलखंड का तेजी से विकास हुआ है. इस एक्सप्रेसवे से बुंदेलखंड के सीधा दिल्ली से जुड़ने का लाभ लोगों को मिलेगा और पिछड़ेपन के दाग से बुंदेलखंड मुक्त हो सकेगा.

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