केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों के हित में बड़ा फैसला किया है. केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए गन्ने के दाम में 15 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है. इससे गन्ना किसानों को चीनी मिलें अब 305 रुपए प्रति क्विंटल का भाव अदा करेंगी. यानि सीधे-सीधे यह लाभ किसान की झोली में जाएगा. इसे 2022-23 के लिए बढ़ाया गया है. इस फैसले से 5 करोड़ गन्ना किसानों और उन पर निर्भर रहने वालों को फायदा होगा. साथ ही इस क्षेत्र और चीनी मिल में काम कर रहे 5 लाख कामगारों को भी फायदा होगा. गन्ने का पेराई सत्र अक्तूबर से शुरू होता है.
8 साल में एफआरपी में 34% से ज्यादा की हुई बढ़त
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. 2022-23 के लिए गन्ने की उत्पादन लागत 162 रुपए प्रति क्विंटल रही है. गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य जिसे एफआरपी कहा जाता है, वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है. सरकार की ओर से कहा गया है कि 8 साल में एफआरपी में 34 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त हुई है. चीनी की कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए सरकार ने प्रति किलो चीनी की कीमत 31 रुपए निर्धारित की है. इससे भी किसानों को बड़ी मदद मिलेगी.
बता दें कि, करीब 9 साल पहले, 2013-14 चीनी सत्र में एफआरपी सिर्फ 210 रुपए प्रति क्विंटल था और सिर्फ 2,397 एलएमटी गन्ना चीनी मिलों द्वारा खरीदा गया था. किसानों को केवल गन्ने की बिक्री से चीनी मिलों से सिर्फ 51,000 करोड़ मिलते थे. इससे किसानों को नुकसान झेलना पड़ता था. जबकि पिछले 8 वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने एफआरपी में 34 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि से किसानों को लाभ मिलने लगा है. वर्तमान चीनी सत्र 2021-22 में, चीनी मिलों द्वारा लगभग 3,530 लाख टन गन्ना खरीदा गया जिसकी कीमत 1,15,196 करोड़ रुपए है, जो अब तक सबसे अधिक है.
1,20,000 करोड़ से अधिक भुगतान होने की उम्मीद
आगामी चीनी सत्र 2022-23 में गन्ने के रकबे और अपेक्षित उत्पादन में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, 3,600 लाख टन से अधिक गन्ने को चीनी मिलों द्वारा खरीदे जाने की संभावना है, जिसके लिए गन्ने के किसानों को भुगतान की जाने वाली कुल रकम 1,20,000 करोड़ रुपए से अधिक होने की उम्मीद है. सरकार किसान समर्थक उपायों के माध्यम से यह सुनिश्चित करेगी कि गन्ने के किसानों को समय पर उनका बकाया मिले.
चालू सत्र में 3,530 लाख टन खरीदा गन्ना
जानकारी के मुताबिक, चीनी के निर्यात की सुविधा और बफर स्टॉक बनाए रखने, इथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने व किसानों के बकाया की निकासी के लिए चीनी मिलों को 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय मदद दी गई है. चालू सीजन में मिलों ने 1.15 लाख करोड़ रुपये का 3,530 लाख टन गन्ना खरीदा है. 2022-23 में 3,600 लाख टन से ज्यादा गन्ना खरीदी की उम्मीद है. इस की कीमत 1.20 लाख करोड़ रुपये हो सकती है.
91.42% गन्ना बकाया का हुआ भुगतान
मंत्रालय के मुताबिक, पिछले चीनी सीजन 2020-21 में लगभग 92,938 करोड़ रुपए का गन्ना बकाया देय था, जिसमें से 92,710 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है, और केवल 228 करोड़ रुपए बकाया हैं. वर्तमान चीनी सीजन 2021-22 में 1,15,196 करोड़ रुपए में से किसानों को 1,05,322 करोड़ रुपए गन्ने के बकाया का भुगतान किया गया, 01 अगस्त 2022 तक इस प्रकार 91.42 प्रतिशत गन्ना बकाया का भुगतान कर दिया गया है जो कि पिछले चीनी सीजनों की तुलना में अधिक है.