देश में प्लास्टिक के कचरे से पैदा होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में केंद्र सरकार सजग है. सरकार ने ‘क्लीन एंड ग्रीन’ अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) को चरणबद्ध रूप से खत्म करने के लिए राज्यों को भी पत्र लिखा और दिशा-निर्देश जारी किए.
दरअसल, सभी राज्य और शहरी स्थानीय निकाय “क्लीन एंड ग्रीन” के व्यापक जनादेश के तहत देश को सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) से मुक्त करने के साथ-साथ पर्यावरण को बेहतर बनाने में योगदान देने के लिए अभियान चलाएंगे. आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन आदेशों को पूरा करने के लिए कई तरह की गतिविधियों को लेकर एक विस्तृत सलाह जारी की है. इनमें प्लास्टिक कचरा संग्रह पर विशेष जोर देने के साथ बड़े पैमाने पर सफाई और प्लॉगिंग अभियान शामिल होंगे. साथ ही सभी नागरिकों- छात्र, स्वैच्छिक संगठन, स्वयं सहायता समूह, स्थानीय गैर सरकारी संगठन, एनएसएस और एनसीसी कैडेट आदि की भागीदारी के साथ बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा.
2,591 शहरी स्थानीय निकायों में प्लास्टिक बैन
जानकारी के मुताबिक, मंत्रालय ने 4,704 में से 2,591 शहरी स्थानीय निकायों ने पहले ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार एसयूपी प्रतिबंध की सूचना दी है. इसके तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि शेष 2,100 से अधिक शहरी स्थानीय निकाय 30 जून 2022 तक इसे अधिसूचित करें. शहरी स्थानीय निकाय द्वारा एसयूपी ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान करने और उन्हें खत्म करने की आवश्यकता होगी, जबकि समानांतर रूप से राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के समर्थन का लाभ उठाते हुए और विशेष प्रवर्तन दस्तों का गठन, औचक निरीक्षण करने और एसयूपी प्रतिबंधों को लागू करने के लिए चूककर्ताओं पर भारी जुर्माना और दंड लगाने की आवश्यकता होगी.
इन प्लास्टिकों पर पूरी तरह से बैन
प्लास्टिक कचरा प्रबंधन (पीडब्लूएम) (संशोधित) नियमावली, 2021 के अनुसार, 75 माइक्रोन (75 μ यानि 0.075 मिमी मोटाई) से कम या रीसायकल प्लास्टिक से बने कैरी बैग के निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस नए प्रावधान के परिणामस्वरूप देश में खुदरा विक्रेताओं, फेरीवालों, मल्टीप्लेक्स, ई-कॉमर्स कंपनियों, निजी और सरकारी दफ्तरों और अस्पतालों में एकल इस्तेमाल वाली प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा.