अग्निपथ योजना के लागू होने के बाद रविवार 19 जून को तीनों सेना के प्रमुखों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निवीर भर्ती योजना की समीक्षा बैठक की. सेना ने ऐलान किया है कि अग्निपथ योजना किसी भी रूप में वापस नहीं होगी. भारतीय सेना को इस समय युवाओं की जरूरत है, यह सुधार लंबे समय से लंबित था. आज बड़ी संख्या में जवान अपने जीवन के तीसरे दशक में हैं, इसलिए सेना में औसत आयु 26 साल करने के लिए यह योजना लाई गई है.
आपको बता दें कि वायुसेना में भर्ती के लिए 19 जून को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. 24 जून से वायुसेना में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. वहीं दिसंबर तक वायुसेना के लिए अग्निवीर के ट्रेनिंग शुरू होने की उम्मीद है. इसके अलावा थल सेना के लिए 1 जुलाई को नेटिफिकेशन जारी होगा जबकि नौसेना के लिए 25 जून को नोटिफिकेशन जारी होगा.
सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना की घोषणा होने के बाद विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए घोषित की गईं आरक्षण के संबंध में घोषणाएं पूर्व नियोजित थीं. यह घोषणाएं अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद देश भर हुई आगजनी, हिंसा और तोड़फोड़ की प्रतिक्रिया में नहीं की गई हैं.
पुलिस वेरिफिकेशन 100% जरूरी
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की नींव में अनुशासन है, इसलिए आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है. प्रत्येक व्यक्ति एक प्रमाण पत्र देगा कि वे विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं थे. पुलिस वेरिफिकेशन 100% है, उसके बिना कोई भी शामिल नहीं हो सकता. कोचिंग संस्थान छात्रों को भड़का और उकसा रहे हैं लेकिन उन्हें हिंसा और प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेना चाहिए.
सेना की पहली रैली अगस्त के दूसरे सप्ताह से शुरू
लेफ्टिनेंट जनरल बंशी पुनप्पा ने कहा कि सेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए 1 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा जिसके बाद लोग रजिस्ट्रेशन शुरू कर सकते हैं. भर्ती के लिए पहली रैली अगस्त के दूसरे सप्ताह से शुरू होगी जिसमें फिजिकल टेस्ट और मेडिकल होगा. उसके बाद एंट्रेंस एग्जाम होगा फिर उन्हें कॉलम में मेरिट के हिसाब से भेजेंगे. अगस्त से लेकर नवंबर तक 2 बैच में रैलियां होंगी. पहले लॉट में 25 हजार अग्निवीर दिसंबर के पहले सप्ताह में आएंगे.