प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी 10 जुलाई 2022 को आत्मस्थानानंद के जन्मशताब्दी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान पीएम मोदी ने हिंदू देवी काली को (मां काली) कहकर संबोधित किया था. जिस पर इब हिंदूस्तान टाइम्स की पत्रकार कनिका गहलोत ने इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए हिंदुओं की आस्था पर सवाल उठाए हैं. कनिका ने ट्वीट कर कहा है कि पीएम मोदी ने आखिर काली को मां काली कहकर क्यों बुलाया. वह आगे पूछती हैं कि क्या शिव को हिंदू ‘पापा’ कहकर बुलाते हैं.
हिदुओं की आस्था पर सवाल
कनिका गहलोत ने ट्वीट कर लिखा कि “नरेंद्र मोदी ने आखिर क्यों हिंदू देवी काली को माँ काली कहा. वह सबसे श्रेष्ठ देवी हैं और उनकी आराधना विभिन्न ढंग से की जा सकती है. हर किसी को उन्हें माँ की तरह देखने की जरूरत नहीं है.”
कनिका ने एक और ट्वीट कर हिंदुओं को टार्गेट किया. कनिका ने लिखा कि, “हिंदुओं को ज्यादा शौक है हर औरत को मां या बहन बना देने का. ये बहुत ज्यादा हानिकारक और नारीविरोधी चीज है. क्या कभी शिव को शिव पापा बुलाया. आखिर क्यों नहीं बुलाया.
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने मोदी ने रविवार को ‘रामकृष्ण मिशन’ के अध्यक्ष रहे स्वामी आत्मस्थानंद की जन्म शताब्दी कार्यक्रम को सम्बोधित किया. इस दौरान उन्होंने स्वामी रामकृष्ण परमहंस को याद करते हुए कहा कि वो एक ऐसे संत थे जिन्होंने माँ काली का स्पष्ट साक्षात्कार किया था और उनके चरणों में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया था. वो कहते थे कि ये संपूर्ण जगत, ये चराचर – ये सब कुछ माँ की चेतना से व्याप्त था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यही चेतना पश्चिम बंगाल की काली पूजा और पूरे भारत की आस्था में दिखती है. उन्होंने कहा कि इसी चेतना और शक्ति-पूंज को स्वामी विवेकानंद जैसे युगपुरुषों के रूप में स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने प्रदीप्त किया था. रामकृष्ण परमहंस को माँ काली की जो अनुभूति और आध्यात्मिक दर्शन हुए, उसने उनके भीतर असाधारण ऊर्जा और सामर्थ्य का संचार किया था.