आजादी के 75 वर्षों में बदलते भारत की सुनहरी तस्वीर आज पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. देखा जाए तो एक राष्ट्र की उम्र में 75 वर्ष का अरसा कुछ भी नहीं होता लेकिन भारत ने आजादी के पश्चात जहां से शुरुआत की थी वो दौर आशंकाओं से भरा हुआ था लेकिन उन सारी कठिनाइयों को पार कर आज भारत उपलब्धियों के साथ विश्व की उम्मीद बन कर खड़ा है. आजादी के बाद भारत के सामने चुनौतियां तो अनेक आईं लेकिन उन्हें पीछे छोड़ते हुए इसने दुनिया में अपना जो श्रेष्ठ स्थान बनाया है, उसकी मिसाल कम ही मिलती है.
आजादी के बाद भारत को शून्य से करनी पड़ी थी शुरुआत
याद हो, शून्य जैसी महान सौगात देने वाली 5000 साल पुरानी सभ्यता भारत को शून्य से शुरुआत करनी पड़ी थी. क्रांतिकारियों की शहादत, आंदोलनकारियों की कुर्बानियां और करोड़ों देशवासियों के अथक परिश्रम का लम्हा रहा 15 अगस्त 1947 जब हमारा देश आजाद हुआ तब से एक लंबा सफर तय कर देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर चुका है. इन 75 वर्षों में देश ने प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते हुए सफलता के कई परचम लहराए हैं.
राष्ट्रवाद की भावना को मिली मजबूती
स्वतंत्रता के बाद लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अलग-अलग रियासतों का भारत में विलय कर राष्ट्रवाद की भावना को मजबूती प्रदान कर सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना को साकार किया. पिछले 7 दशकों में औद्योगिक क्षेत्र में हमारे देश ने दिन दोगुनी-रात चौगुनी प्रगति कर एक अनूठी मिसाल कायम की है. देश में किसानों की उपज बढ़ गई है और उनकी आय में इजाफा हुआ है. वहीं देश में श्वेत क्रांति से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं और इसी के साथ भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया.
विदेशी निवेश को मिला बढ़ावा
वहीं विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए FDI की पहल हो या फिर मूल्य नियंत्रण के लिए MRP को लागू करना, इन सबने देश को एक नई दिशा देने का काम किया. इसरो ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक अंतरिक्ष में कई सुनहरी उपलब्धियां हासिल की हैं जिन पर देश और दुनिया को गर्व है. पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण कर भारत दुनिया के चुनिंदा परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों में शामिल हो गया है.
फौलादी इरादों और बुलंद हौसले के साथ खड़ा रहा भारत
1971 में बांग्लादेश के उदय में भारतीय सेनाओं ने अपने पराक्रम और वीरता से पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया को चकित कर दिया. वहीं करगिल संघर्ष की बात करें तो उसे भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस और वीरता से तिरंगे का मान बढ़ाया है. सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए दुश्मन के घर में घुसकर उसे नेस्तनाबूद करना भारत के फौलादी इरादे और बुलंद हौसले की गौरव गाथा है. एक साक्षर नागरिक ही देश की प्रगति में योगदान दे सकता है, इसी सोच के साथ शुरू किए गए कर्म शिक्षा अभियान से गांव-गांव तक पढ़ने-लिखने का माहौल बना.
IIT और IIM जैसे संस्थानों ने दिलाई विशेष पहचान
आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों ने हर एजुकेशन में भारत को दुनिया में विशेष पहचान दिलाई. कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट के घर-घर पहुंचने और सूचना तकनीक के क्षेत्र में क्रांति लाकर डिजिटल इंडिया के सपने को पंख लगा दिए हैं. केवल इतना ही नहीं स्वर्णिम चतुर्भुज से लेकर एक दिन में राष्ट्रीय राजमार्ग के रिकॉर्ड निर्माण तक के बेमिसाल सफर में देश ने सुदूर गांवों को महानगरों से जुड़कर एक नया इतिहास गढ़ते देखा है.