Wednesday, November 23, 2022
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    यूपी में जनसुविधाओं के लिए जमीन देने वाले होंगे मालामाल, योगी सरकार देगी टीडीआर

    जानकारी के मुताबिक, जमीन देने वाला व्यक्ति इस टीडीआर का अपनी दूसरी जमीन पर अधिक ऊंची इमारत बनाने में स्वयं इस्तेमाल कर सकेगा या किसी बिल्डर को बेचकर उस स्थान पर जमीन की कीमत के बराबर पैसे कमा सकेगा.

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट में एक अहम फैसला हुआ है. इसके अंतर्गत, यूपी सरकार सड़क, पार्क या एसटीपी जैसी जनसुविधाओं के लिए अपनी जमीन देने वालों को आदर्श हस्तांतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर) देगी. इसके लिए अनुज्ञा उपविधि-2022 को मंजूरी दे दी गई है.

    जानकारी के मुताबिक, जमीन देने वाला व्‍यक्ति इस टीडीआर का अपनी दूसरी जमीन पर अधिक ऊंची इमारत बनाने में स्वयं इस्तेमाल कर सकेगा या किसी बिल्डर को बेचकर उस स्थान पर जमीन की कीमत के बराबर पैसे कमा सकेगा.

    जमीन की कीमत के बराबर होगा टीडीआर

    बता दें कि शहरों में महायोजना यानी मास्टर प्लान में सड़क, पार्क, खुले क्षेत्र, बस स्टेशन, एसटीपी और इसी प्रकार की अन्य जन सुविधाओं के लिए जमीनें आरक्षित की जाती हैं. इस नीति के बाद ऐसी जमीनों को भू-स्वामी विकास प्राधिकरणों को देगा तो उसे टीडीआर दिया जाएगा. टीडीआर जमीन की कीमत के बराबर होगा. इसमें फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) का विवरण होगा.

    गौरतलब है अब यूपी में सड़क, पार्क या एसटीपी जैसी जनसुविधाओं के लिए जमीन देना अब फायदे का सौदा बन गया है. योगी सरकार का टीडीआर इन कामों के लिए जमीन देने वालों को मालामाल बना देगा.

    जानें क्या है टीडीआर नियमावली

    सरकार के आदेश पर टाउन एंड कंट्री प्लानिग ने अब टीडीआर नियमावली में बदलाव कर किसानों के लिए बेहद आसान बना दिया है. अब किसान अपनी जमीनों के मालिकाना हक के कागजात के साथ 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से स्क्रूटनी शुल्क जमा कर आवेदन कर सकते है. विभाग सारी जांच-पड़ताल कर इसके बाद टीडीआर का सर्टिफिकेट जारी करेगा, जिसे जमीन मालिक या किसान किसी भी बिल्डर को बेच सकता है.

    क्या है टीडीआर सर्टिफिकेट

    टीडीआर सर्टिफिकेट एक प्रकार का एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) का सर्टिफिकेट होता है. जिसमें जमीन का आंकलन कर उसे लंपसंप वर्ग फीट एरिया दे दिया जाता है. जमीन मालिक इसे ओपन मार्केट में कहीं भी प्रति वर्ग मीटर के रेट से बेच सकता है. आसान शब्दों में कहे तो इस सर्टिफिकेट को जो भी खरीदेगा वह अपने प्रोजेक्ट में उतना ही अतिरिक्त वर्ग फीट एरिया का निर्माण कर सकता है. विशेष बात यह है कि इसे कितने ही टुकड़ों में बेचा जा सकता है. एक बार में कम से कम 50 वर्ग मीटर बेचना होगा. टीडीआर के तहत मिलने वाली जमीनों का इस्तेमाल मास्टर प्लान में सेक्टर रोड एंड ग्रीन बेल्ट, सेक्टोरल प्लान रोड पाकेट, ईडीसी वर्क साइट, ओपन स्पेस जोन, पब्लिक एवं सेमी पब्लिक जोन इत्यादि विकसित करने के लिए किया जाएगा.

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