Monday, November 7, 2022
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    योगी सरकार ने जेल कानून में किया बदलाव, अब कैदियों को मिलेंगी अधिक सुविधाएं

    अब यूपी के जेल नए मैन्युअल के आधार पर संचालित होंगे. इसके तहत अब बंदी रक्षकों को 303 रायफल की जगह 9 एमएम की पिस्टल और कार्बाइन भी मिलेगी. इससे अब बंदी रक्षक भी खुंखार अपराधियों से निपटने में सक्षम होंगे.

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की अहम बैठक हुई. इस बैठक में सीएम योगी ने अंग्रेजों के जमाने से जेल मैन्युअल को लेकर चले आ रहे कानूनों में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब यूपी के जेल नए मैन्युअल के आधार पर संचालित होंगे. इसके तहत अब बंदी रक्षकों को 303 रायफल की जगह 9 एमएम की पिस्टल और कार्बाइन भी मिलेगी. इससे अब बंदी रक्षक भी खुंखार अपराधियों से निपटने में सक्षम होंगे. उनको बाहर से आने वाली फोर्स का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा.

    जानकारी के मुताबिक, योगी कैबिनेट ने 16 प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है. इससे अंग्रेजों के जमाने से जेल मैनुअल को लेकर चले आ रहे कानूनों में बदलाव किया जाएगा. यह जेल मैनुअल 1941 में बना था. नए जेल मैनुअल के तहत जेल कर्मियों को 303 रायफल की जगह 9 एमएम की पिस्टल मिलेगी. इसके अलावा, योगी कैबिनेट ने प्रदेश में लाकअप जेल की व्यवस्था समाप्त कर दी है. इसके साथ ही कालापानी की सजा के स्थानांतरण की व्यवस्था समाप्त की गई है.

    गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जेल के लिए एक मॉडल मैनुअल जारी किया और उम्मीद की कि हर राज्य इसे लागू करेगा. इस कड़ी में यूपी सरकार ने इस नए मॉडल जेल मैनुअल को अपना लिया है. नए जेल मैनुअल के मुताबिक, अब जेलों में बैरक की चार श्रेणियां होंगी. और अन्य प्रकार की सुविधाओं में सुधार किया गया है. जेल के कैदी अंदर चलाई जा रही कैंटीन से विभिन्न वस्तुओं की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं. कैदी अब अपनी जरूरत की चीजें खरीदने के लिए 4000 रुपये तक खर्च कर सकते हैं. इसके साथ ही नए नियमावली के अनुसार, कैदियों के अधिक से अधिक मामलों की ऑनलाइन सुनवाई की जा सकेगी.

    4 श्रेणियों में बांटी जाएगी जेल

    कैबिनेट बैठक के बाद कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि, आज हुई बैठक में अंग्रेजों के समय के जेल मैनुअल में बदलाव किया गया है. कारागार मंत्री के मुताबिक, आज जो प्रस्ताव पास किए गए हैं, उसके अनुसार नए जेल मैनुअल के तहत प्रदेश की जेलों को 4 श्रेणियों में बाँटा जाएगा. प्रजापति ने बताया कि जेलों का निर्धारण पहले जिले के हिसाब से होता था लेकिन अब बंदियों की संख्या के आधार पर जेलों की चार श्रेणी तय होगी. उन्होंने बताया कि A श्रेणी की कारागार 2000 से अधिक बंदियों की होगी और B श्रेणी की कारागार 1500 से 2000 बंदियों की होगी. उन्होंने कहा कि C श्रेणी की एक हजार से 1500 की संख्या और श्रेणी D की कारागार एक हजार तक की बंदियों की संख्या के आधार पर निर्धारित होगी. जेलों में प्रयोग होने वाले असलहों के बदलाव की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जेलों में अब थ्री नॉट थ्री की राइफल की जगह नाइन एमएम की कारबाइन, पिस्टल और इंसास राइफल का उपयोग किया जाएगा.

    महिला बंदियों को मंगलसूत्र और सलवार-सूट पहनने की अनुमति

    अब महिला बंदियों को जेल में मंगलसूत्र और सलवार-सूट पहनने की अनुमति होगी. साथ ही पुरुष बंदियों के लिए अब सार्वजनिक शेविंग की भी व्यवस्था रहेगी. पहले बंदी स्वयं के खर्च से दाढ़ी बनवाते थे. गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार दिया जाएगा. जेल में बंदियों को खीर, गुड़ और खजूर भी मिलेगा. कुख्यात बंदियों के लिए उच्च सुरक्षा कारागार बनाया गया है. इसके अलावा कारागार में जन्मे बच्चों का जेल में ही नामकरण संस्कार होगा. यही नहीं माँ या पिता के साथ-साथ जेल में रहने वाले बच्चों के लिए पार्क भी बनेगा.

    बंदियों के बच्चों की भी होगी बेहतर देखभाल

    कारागार राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि नये मैनुअल के मुताबिक, जेल में निरूद्ध महिलाओं के साथ रहने वाले 6 वर्ष तक के बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए एक शिशुकक्ष और एक बालवाड़ी (नर्सरी) की व्यवस्था होगी. 3 साल से कम उम्र के बच्चों को शिशु कक्ष में और  3 साल से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों का देखभाल बालवाड़ी में किया जाएगा. बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के साथ ही इनके मनोरंजन, टीकाकरण और पौष्टिक भोजन देने की भी व्यवस्था होगी. मां की सहमति से 4 से 6 साल की आयु वाले बच्चों को जेल से बाहर भी किसी विद्यालय में प्रवेश कराया जा सकेगा. उसके स्कूल जाने के लिए वाहन की व्यवस्था सरकारी खर्चे पर होगी.

    त्योहार के मौके पर दी जाएगी खीर और सेवइयां

    मंत्री ने बताया कि जेल में त्योहार के मौके पर खीर और सेवइयां भी बनाई जाएगी. अगर हिंदू धर्म का कोई त्यौहार होगा तो खीर और इस्लाम धर्म के लोगों को त्यौहार पर सेवई, खजूर और फल दिए जाएंगे. इसके साथ ही नए मैनुअल में महिला बंदियों को करवा चौथ, छठ और तीज का व्रत रखने की अनुमति भी होगी. महिला बंदियों को नारियल का तेल और शैम्पू भी दिया जाएगा. बंदी कैंटीन का प्रावधान और कैंटीन के 10 प्रतिशत लाभांश से बंदी कल्याणकारी कोष की स्थापना की जाएगी. कारागार मुख्यालय में सूचना एवं प्रौद्दोगिकी प्रकोष्ठ बनाया जाएगा. इन सबके अलावा बंदियों को स्वस्थ और फिट रखने के लिए कारागार के अंदर योग और व्यायाम की व्यवस्था भी की जाएगी.

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