यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. योगी सरकार अब इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों का पहले 48 घंटे तक मुफ्त में उपचार कराएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जनहानि को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग सुविधाओं में आमूलचूल परिवर्तन की तैयारी कर रहा है. ‘एक जिला, एक मेडिकल कालेज’ सहित कई योजनाओं पर काम कर रही सरकार लाइव इमरजेंसी मानीटरिंग सिस्टम लागू करने जा रही है. इसमें कोविड कमांड सेंटर की तर्ज पर इंटीग्रेटेड ट्रामा और इमरजेंसी मेडिसिन सेंटर की स्थापना की जाएगी. इस सेवा के तहत एक काल पर इमरजेंसी में एंबुलेंस पहुंचेगी और अस्पताल में तुरंत इलाज शुरू होगा.
मरीजों के मुफ्त इलाज पर 3000 करोड़ रुपए खर्च करेगी सरकार
सीएम योगी ने रविवार को यह साफ कर दिया कि सरकार मरीजों के मुफ्त इलाज पर तीन हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी. सबसे अधिक 1614 करोड़ रुपये आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए होंगे. इसके अलावा ट्रामा और नान ट्रामा मेडिसिन रोगियों के निशुल्क उपचार में हर साल औसतन 550 करोड़ रुपये खर्च आएगा. इसी प्रकार एंबुलेंस सेवाओं पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली 750 एंबुलेंस खरीदी जाएंगी. एंबुलेंस संचालन, प्रशिक्षित स्टाफ के वेतन और प्रशिक्षण पर भी करीब 165 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा काल सेंटर, कमांड सेंटर, साफ्टवेयर के संचालन और मरम्मत आदि के लिए वार्षिक 125 करोड़ रुपये खर्च होगा.
इस व्यवस्था से मिलेगी काफी राहत- आलोक कुमार
चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि लाइव इमरजेंसी मानीटरिंग सिस्टम प्रदेश में लागू करने के लिए योजना बनाकर चरणबद्ध ढंग से कार्य किया जा रहा है. उनका कहना है कि किसी भी इमरजेंसी रोगी के जीवन के लिए शुरुआत के 48 घंटे काफी अहम होते हैं. इसलिए सीएम योगी के संकल्पों को धरातल पर उतारा जा रहा है और प्रथम 48 घंटे तक रोगियों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है. इससे ऐसे रोगी जो अकेले होते हैं या उनके साथ तीमारदार भी होते हैं, लेकिन तत्काल पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था नहीं हो पाती है, उनके साथ-साथ आम जनमानस को भी इस व्यवस्था से काफी राहत मिलेगी.
एक कॉल पर इमरजेंसी में पहुंचेगी एंबुलेंस
सीएम योगी ने पिछले पांच वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बुनियादी ढांचे से लेकर संसाधनों में भी वृद्धि की है. एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज सहित कई योजनाओं को भी अमलीजामा पहनाया जा रहा है. इसी के साथ अब देश में पहली बार लाइव इमरजेंसी मानीटरिंग सिस्टम लागू होने वाला है. कोविड कमांड सेंटर की तर्ज पर इंटीग्रेटेड ट्रामा और इमरजेंसी मेडिसिन सेंटर की स्थापना की जाएगी. इस सेवा के तहत एक कॉल पर इमरजेंसी में एंबुलेंस पहुंचेगी और अस्पताल में तुरंत इलाज शुरू होगा.