उत्तर प्रदेश के कानपुर में 3 जून 2022 को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपित जफर हयात हाशमी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून– रासुका (NSA) लगाया है. इसके अलावा, हिंसा के लिए फंडिंग करने वाले बिल्डर वसी, बाबा बिरयानी का मालिक मुख्तार, अकील और शफीक पर गैंगेस्टर एक्ट लगाया गया है.
खबरों के मुताबिक, हाशमी पर रासुका लगाने को लेकर पुलिस कमिश्नर विजय मीणा ने 4 दिन पहले सभी साक्ष्य जुटाकर कानपुर नगर के जिलाधिकारी विशाख को भेज दिया था. इसके बाद जिलाधिकारी विशाख ने हाशमी पर रासुका के तहत कार्रवाई करने की मंजूरी दे दी.
पुलिस कमिश्नर मीणा ने कहा कि 3 जून 2022 को हुई हिंसा में जिस तरह सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने का काम किया गया था, इस मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए 60 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस हिंसा में क्राउड फंडिंग करने वाले 4 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है, जिनमें बाबा बिरयानी का मालिक भी शामिल है.
वहीं, जिलाधिकारी विशाख के मुताबिक कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने जेल में बंद हयात जफर हाशमी के खिलाफ NSA लगाने का प्रस्ताव भेजा था. जिलाधिकारी ने कहा कि उन्होंने प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेज दिया है.
गौरतलब है कि कानपुर में इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद को लेकर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के कथित अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में 3 जून को बंद का आह्वान किया गया था. इसके बाद नमाज के बाद मुस्लिम कट्टरपंथियों ने नई सड़क और दादा मियां का हाता में जमकर पत्थरबाजी की थी. इस दौरान 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, 25 से अधिक लोग घायल हो गए थे. पुलिस ने अब तक मामले में 62 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. मामले की जाँच कर रही SIT ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस उपद्रव के पीछे गहरी साजिश थी और बयान का विरोध सिर्फ एक दिखावा था. कानपुर हिंसा को लेकर पुलिस ने 3 मुकदमे दर्ज किए गए थे.
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