पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले आठ साल में किसानों की आय बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों की बदौलत गुजरात समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों की आय में बढ़ोतरी देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि पशुपालन, मत्स्य पालन, शहद उत्पादन को बढ़ावा देने से किसानों की आय में काफी वृद्धि हुई है.
1,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं की दी सौगात
पीएम मोदी ने गुजरात के साबरकांठा स्थित गढ़ोदा चौकी के साबर डेयरी में 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया. उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी द्वारा साबर डेयरी में लगभग 120 मिलियन टन प्रति दिन (एमटीपीडी) की क्षमता वाले पाउडर प्लांट का उद्घाटन किया गया है. पूरी परियोजना की कुल लागत 300 करोड़ रुपए से अधिक है. संयंत्र का लेआउट वैश्विक खाद्य सुरक्षा मानकों को पूरा करता है. लगभग शून्य उत्सर्जन वाले इस संयंत्र में ऊर्जा की काफी कम खपत होती है. यह संयंत्र नवीनतम और पूरी तरह से स्वचालित बल्क पैकिंग लाइन से सुसज्जित है.
इसके अलावा पीएम मोदी ने साबर डेयरी में एसेप्टिक मिल्क पैकेजिंग प्लांट का भी उद्घाटन किया. यह 3 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला अत्याधुनिक संयंत्र है. इस परियोजना को लगभग 125 करोड़ रुपए के कुल निवेश के साथ तैयार किया गया है. संयंत्र में ऊर्जा की काफी कम खपत होती है और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी के साथ नवीनतम स्वचालन प्रणाली काम कर रही है. इस परियोजना से दुग्ध उत्पादकों को बेहतर पारिश्रमिक सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.
पीएम मोदी ने साबर चीज एंड व्हे ड्रायिंग प्लांट परियोजना की आधारशिला भी रखी. परियोजना का अनुमानित परिव्यय लगभग 600 करोड़ रुपए है. इस संयंत्र में चेडर चीज (20 एमटीपीडी), मोजेरेला चीज (10 एमटीपीडी) और प्रोसेस्ड चीज (16 एमटीपीडी) का उत्पादन किया जाएगा. पनीर के निर्माण के दौरान उत्पन्न मट्ठे को भी 40 एमटीपीडी की क्षमता वाले व्हे ड्रायिंग प्लांट में सुखाया जाएगा. साबर डेयरी गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) का एक हिस्सा है, जो अमूल ब्रांड के तहत दूध और दूध उत्पादों की एक पूरी श्रृंखला बनाती है और उसका विपणन करती है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज साबर डेयरी का विस्तार हुआ है. आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस मिल्क पाउडर प्लांट और ए-सेप्टिक पैकिंग सेक्शन में एक और लाइन जुड़ने से साबर डेयरी की क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी. साबर डेयरी की परियोजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, आज जिस नए प्लांट का भूमि पूजन हुआ है वो भी साबर डेयरी के सामर्थ्य को बढ़ाने में मदद करेगा. पीएम मोदी ने बताया भूरा भाई पटेल ने दशकों पहले जो प्रयास शुरू किया था वो आज लाखों लोगों का जीवन बदलने में मदद कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा, दो दशक पहले यहां क्या स्थितियां थी ये आप भी जानते हैं और मैंने भी भली-भांति देखा है. उन्होंने यह भी कहा कि आज कल हम गुजरात के कई हिस्सों में अति वर्षा की चुनौतियों से जूझ रहे हैं. लेकिन गुजराती को बारिश आना यही अपने आप में इतना बड़ा सुख और संतोष होता है जिसका अंदाजा बाहर के लोगों को नहीं है.
डेयरी ने गुजरात को दी बहुत बड़ी ताकत
पीएम मोदी ने कहा, मैंने आप लोगों के साथ अटूट विश्वास के साथ संकल्प किया था कि इस स्थिति को बदलना है. जैसे-जैसे सिंचाई की सुविधाओं का गुजरात में विस्तार हुआ वैसे-वैसे कृषि के क्षेत्र में पशुपालन के क्षेत्र में हमने बहुत विकास किया, वृद्धि की और डेयरी ने उसे बहुत बड़ी ताकत दी. अर्थव्यवस्था को डेयरी ने स्थिरता भी दी, डेयरी ने सुरक्षा भी दी और डेयरी ने प्रगति के नए अवसर भी दिए.
मवेशियों के हित में किया प्लास्टिक पर प्रतिबंध का फैसला
उन्होंने यह भी बताया कि गुजरात देश का वो राज्य है जहां हमने कई साल पहले पशुओं के लिए हेल्थ कार्ड जारी किए, पशु आरोग्य मेलों की शुरुआत की, हमनें पशुओं के मोतियाबिंद और दांतों के डेंटल ट्रीटमेंट तक की चिंता की. पशु आरोग्य मेले में कुछ गाय के पेट को काटा जाता था तो 15-20 किलो प्लास्टिक का वेस्ट निकलता था और देखने वालों की आंखों में पानी आ जाता था. इसी को ध्यान में रखकर पॉलिथीन पर प्रतिबंध का अभियान चलाया गया है.
किसानों की आय बढ़ाने के लिए 8 वर्षों में केंद्र सरकार ने किए प्रयास
पीएम मोदी ने कहा, किसान की आय बढ़ाने के लिए जो प्रयास बीते 8 वर्षों में केंद्र सरकार ने किए हैं उसकी वजह से गुजरात समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों की आय में बढ़ोतरी देखी जा रही है. किसानों की आय में बागवानी, पशुपालन, मछली पालन की वजह से भी काफी वृद्धि हुई है और इसमें भी सबसे बड़ी बात ये निकलकर सामने आ रही है कि जो भूमिहीन किसान हैं जो सबसे गरीब होते हैं उनकी आय में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसी तरह छोटी जमीन वालों किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है यानि फसलों के अलावा आय के वैकल्पिक माध्यमों पर काम करने की रणनीति आज काम आ रही है.