साल 2014 से अब तक केंद्र सरकार की मोदी सरकार ने विभिन्न विभागों में सात लाख 22 हजार से अधिक लोगों को स्थाई यानि परमानेंट जॉब दी है. गौरतलब है, बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस संबंध में कहा रोजगार सृजन के साथ रोजगार में सुधार सरकार की प्राथमिकता है.
बता दें, पीएम मोदी ने जून माह में सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा कर यह निर्देश दिया था कि सरकार द्वारा अगले 1.5 वर्षों में मिशन मोड में 10 लाख लोगों की भर्ती की जाए. यह भर्ती केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और मंत्रालयों के अंतर्गत की जाएगी.
करोड़ों युवाओं को राहत मिलने की उम्मीद
केंद्र सरकार की इन तमाम पहलकदमियों से देश के करोड़ों युवाओं को राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है. पीएम मोदी ने सभी विभागों और मंत्रालयों में कर्मचारियों की स्थिति की समीक्षा करने के बाद ये नौकरियां देने का आदेश दिया था. जबकि इससे पहले केंद्र सरकार अपने विभिन्न विभागों में बीते 8 साल में 7 लाख 22 हजार से अधिक लोगों को परमानेंट नौकरियां भी प्रदान कर चुकी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कितनी गंभीरता के साथ कार्य कर रही है.
2014 से केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्ति के लिए भर्ती एजेंसियों द्वारा अनुशंसित उम्मीदवारों की संख्या :-
- 2014-15 1,30,423
- 2015-16 1,11,807
- 2016-17 1,01,333
- 2017-18 76,147
- 2018-19 38,100
- 2019-20 1,47,096
- 2020-21 78,555
- 2021-22 38,850
PLI में 60 लाख नए रोजगार पैदा करने की क्षमता
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है, बजट 2021-22 द्वारा शुरू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाओं में 60 लाख नए रोजगार पैदा करने की क्षमता है. डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, इसके अलावा भारत सरकार ने देश में रोजगार पैदा करने के लिए कई कदम उठाए हैं. बजट 2021-22 में 1.97 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ, 2021-22 से 5 वर्षों की अवधि के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं शुरू की गई. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा लागू की जा रही पीएलआई योजनाओं में 60 लाख नए रोजगार सृजित करने की क्षमता है. पीएलआई योजना संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा निर्धारित समग्र वित्तीय सीमाओं के भीतर कार्यान्वित की जाती है.