केंद्रीय जाँच एजेंसी (CBI) ने बुधवार 27 जुलाई 2022 को बड़ी कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के पूर्व OSD भोला यादव को हिरासत में ले लिया. बताया जा रहा है कि ये गिरफ्तारी रेलवे भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में हुई. इसके साथ ही CBI ने बिहार के पटना और दरभंगा में 4 ठिकानों पर छापेमारी भी की है.
खबरों के मुताबिक CBI ने 4 दिन पहले भोला यादव को आईआरसीटीसी घोटाला मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन भोला यादव हाजिर नहीं हुए. इसके बाद बुधवार को CBI ने उनको गिरफ्तार कर लिया. बता दें, भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे. उस समय लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे. उसी समय रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ था. आरोप है कि भोला यादव ही घोटाले का कथित मुख्य आरोपी है.
भोला यादव पर आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए थे. CBI ने इसी मामले में जाँच के बाद पिछले दिनों लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती समेत अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी. CBI ने इस मामले में मई में लालू यादव से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. ये छापेमारी लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित जगहों पर की गई थी.
आपको बता दें कि, भोला यादव राजद से विधायक और विधान पार्षद भी रहे हैं. वह लालू यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. सत्ता के गलियारों में अक्सर यह कहा जाता है कि लालू प्रसाद के अधिकतर राज भोला यादव दिल में दफन हैं. लालू सबसे ज्यादा विश्वास भी भोला यादव पर ही करते हैं. भोला यादव को लालू यादव का राइट हैंड कहा जाता है. भोला यादव चारा घोटाले समेत कई मामले में फँसे लालू यादव के साथ अदालत और अस्पताल हर जगह मौजूद रहते हैं.