इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स के वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद क्रिकेट जगत में बहस का एक नया मुद्दा छिड़ गया है. लगातार चल रहे क्रिकेट, फ्रेंचाइजी क्रिकेट और अंतरराष्ट्रीय मैचों के चलते खिलाड़ियों का वर्क लोड बढ़ गया है. खिलाड़ियों के लिए क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में खेलना कठिन हो गया. क्रिकेट जगत में
खिलाड़ियों के बढ़ते वर्कलोड पर लगातार बहस चल रही है.
इंग्लैंड के कप्तान जॉस बटलर के बाद साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी क्विंटन डिकॉक ने इस मुद्दे पर अपना मत दिया है.
डिकॉक का मानना है अगर बिजी शेड्यूल में और मुकाबलों को शामिल किया जाता है तो खिलाड़ियों के लिए तीनों फॉर्मेट में खेलना कठिन हो जाएगा. इससे पहले जॉस बटलर ने भी बिजी शेड्यूल की कड़ी आलोचना की थी.
डिकॉक ने पिछले साल टेस्ट क्रिकेट के संन्यास ले लिया था. डिकॉक ने कहा, “ खिलाड़ियों के व्यक्तिगत रूप से फैसला लेने की जरूरत है और अगर उन्हें लगता है कि वह तीनो फॉर्मेट से खेल सकतें है तो मैं उनके लिए खुश हूं, लेकिन यह निर्णय अपने हाथों में लेने की जरूरत है. मुझे कुछ लीग में खेलने का अनुबंध मिला , यह मेरा फैसला है. इसे करके मैं खुश हूं.”
उन्होंने कहा,“ जब आप युवा होते है तो आपको तीनों फॉर्मेट में खेलकर कुछ हासिल करनी होती है. जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती हैं आप के लिए यह कठिन हो जाता है और आपका शरीर भी साथ नहीं देता. यह मैनेजमेंट की बात है.”