पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग (SSC) भर्ती घोटाले की आंच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी और राज्य के कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी तक पहुंच गई है. मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार 23 जुलाई 2022 को मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chaterjee) को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही साथ पार्थ चटर्जी की करीबी बताई जा रहीं अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) को भी हिरासत में ले लिया गया है. अर्पिता के घर से 20 करोड़ रुपए की नगदी बरादम हुई थी. ईडी के अधिकारी फिलहाल उनसे पूछताछ कर रहे हैं.
देर रात ED ने की कार्रवाई
खबरों के मुताबिक, शनिवार सुबह जब ED एसएससी घोटाले के आरोप में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार करने पहुंची तो उन्होंने अपना स्वास्थ्य खराब होने की बात कही. इसके बाद डॉक्टरों की टीम उनके घर पर इलाज के लिए पहुंची. रिपोर्ट के मुताबिक, पार्थ चटर्जी को गिरफ्तारी के बाद मेडिकल के लिए ले जाया गया. उन्हें कोलकाता में CGO कॉम्प्लेक्स में ले जाया जाएगा. बता दें, कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी के घर 22 जुलाई की देर रात ईडी की एक टीम पहुंची थी.
ED ने की थी छापेमारी
वहीं, इससे पहले शुक्रवार 22 जुलाई 2022 को ED की टीम ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापेमारी की थी. इस दौरान अधिकारियों ने उनके घर से 20 करोड़ रुपए नकद के साथ-साथ 20 कीमती मोबाइल फोन, सोना, विदेशी मुद्रा, जमीन के दस्तावेज बरामद बरामद हुए हैं. माना जा रहा है कि यह वही रकम है, जो शिक्षक भर्ती घोटाले में रिश्वत के रूप में ली गई थी. अर्पिता के अलावा ईडी ने दूसरे लोगों के ठिकानों पर भी रेड मारी. इनमें माणिक भट्टाचार्य, आलोक कुमार सरकार और कल्याण मॉय गांगुली जैसे नाम शामिल हैं. इन सभी का नाम पश्चिम बंगाल शिक्षा भर्ती घोटाले में सामने आया है. बताया जा रहा है कि एजेंसी को पुख्ता सबूत मिले हैं.
मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत हो रही जांच
आपको बता दें कि यह घोटाला ग्रुप सी और डी के नॉन-टीचिंग स्टाफ, क्लास 9-12 के टीचिंग स्टाफ और प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की अवैध भर्ती से जुड़ा हुआ है. ED इन मामलों की जांच मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत कर रही है.