Wednesday, November 23, 2022
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    लखनऊ: मानव श्रृंखला के जरिये दिया गया जल जागरूकता का संदेश, जल-शक्ति मंत्री भी हुए शामिल

    उत्तर प्रदेश में भूजल सप्ताह मनाया जा रहा है. 16 से 22 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान में विभागीय प्रयासों के साथ जन जागरूकता अभियान भी जोर शोर से चल रहा है.

    लखनऊ में भूजल सप्ताह के अंतर्गत चल रहे जागरूकता अभियानों को मानव श्रृंखला में शामिल होकर, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने गति दे दी. बुधवार को जल शक्ति मंत्री जब हजरतगंज के अटल चौक आ पहुंचे तो मौजूद छात्र-छात्राओं का हौसला आसमान छूने लगा. मंत्री जी ने छात्र-छात्राओं के साथ जल संरक्षण की अळख जगाते नारे लगाये और मानव श्रृंखला में शामिल हुए. इस दौरान मौजूद छात्र-छात्राओं के साथ आम लोगों ने भी परिवर्तन चौक तक मानव श्रृंखळा बनाकर लोगों को इस अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित किया.

    यूपी में मनाया जा रही भूजल सप्ताह

    आपको बता दें कि इन दिनों उत्तर प्रदेश में भूजल सप्ताह मनाया जा रहा है. 16 से 22 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान में विभागीय प्रयासों के साथ जन जागरूकता अभियान भी जोर शोर से चल रहा है. इसकी शुरूआत माननीय मुख्यमंत्री जी ने हाल ही में 10 भूजल डिजिटल रथ को हरी झंडी दिखाकर की थी.

    लोगों को किया जा रहा जागरूक

    यह भूजल रथ चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, झांसी, महोबा, ललितपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली और बागपत भेजे गए हैं. इनके जरिये जल-संरक्षण एवं संवर्धन के विभिन्न उपायों मसलन, फव्वारा टपक सिंचाई, वर्षा जल संरक्षण, तालाबों के जीर्णोद्धार आदि के बारे में तकनीकी ढंग से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जानकारों की टीम ग्राम पंचायतों, प्राथमिक स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायती राज संस्थाओं, ग्राम-पंचायत जल स्वच्छता समितियों तक पहुंच रही है और भूजल संवर्धन की जरूरतों के बारे में लोगों को समझा रही है.

    यूपी के 35 जिलों का भूजल स्तर बढ़ा

    गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार से पूर्व के कार्यकाल से अगर तुलना करें तो भूजल स्तर के क्षेत्र में बड़ा सुधार आया है. यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश में 35 जिलों का भूजल स्तर बढ़ा है. 82 विकास खण्ड जो डार्क जोन में माने जाते थे, उनमें से 25 विकास खण्ड डार्क जोन से बाहर आ चुके हैं. डिजिटल भूजल रथ के अलावा भी जन जागरूकता के लिए जागरूकता रैली, प्रतियोगिता, खेल, जल-शपथ, जन-सभा, गोष्ठी, कार्यशाला, नुक्कड़ नाटक सरीखे दूसरे आयोजन भी हो रहे हैं.

    मीडिया और सोशल मीडिया के भी सहारे लोगों को यह संदेश पहुंचाये जा रहे हैं कि अगर वो बेहतर प्रदेश देखना चाहते हैं तो पानी की चिंता करना उनकी भी जिम्मेदारी है.

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