देश में सड़कों का जाल बिछाने में भारत विश्व रिकॉर्ड कायम कर चुका है. वहीं अब देश की राजधानी दिल्ली से कई शहरों की दूरी महज 2 घंटे सिमटकर रह गई है. यह सब पीएम मोदी के नेतृत्व में बनी केंद्र सरकार के परिश्रम का फल है.
2023 में होगा शुरु-एक्सप्रेस-वे
इसी क्रम में अब ”द्वारका एक्सप्रेस-वे” पर काम जारी है जिसे देश को 2023 तक सौंपा जाएगा. देश के इस पहले एलिवेटेड शहरी एक्सप्रेस-वे को तैयार करने के लिए बड़ी तेजी से काम चल रहा है. बताना चाहेंगे इसे हरियाणा वाले हिस्से में नार्दर्न पेरीफेरल रोड कहा जाता है.
द्वारका एक्सप्रेस-वे से किन सड़कों पर दबाव होगा कम
द्वारका एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे (स्वर्णिम चतुर्भुज सम्बंधी दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद-मुम्बई राजमार्ग का हिस्सा) तथा आर्टेरियल रोड पर दबाव कम हो जाएगा. अभी इन मार्गों पर भारी यातायात रहता है, जिनमें ज्यादातर पश्चिम दिल्ली से आने वाले वाहन शामिल होते हैं.
NH-8 का 50 से 60% यातायात होगा डायवर्ट
एनएच-8 का 50 से 60% यातायात इस नए एक्सप्रेस-वे की तरफ मुडेगा, जिससे सोहना रोड़, गोल्फ कोर्स रोड आदि की तरफ जाने वाले यातायात में सुधार आएगा. वर्ष 2023 में चालू हो जाने के बाद, इससे दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को भी कम करने में बेहद मदद मिलेगी.
‘संपर्कता से समृद्धि’ का मार्ग होगा प्रशस्त
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार देश के कोने-कोने में विश्वस्तरीय अवसंरचना के विकास को सक्रिय प्राथमिकता दे रही है और ‘संपर्कता से समृद्धि’ का मार्ग प्रशस्त कर रही है.
कितना होगा खर्च ?
दिल्ली से हरियाणा के गुरुग्राम को जोड़ने वाला एक्सप्रेस-वे 9,000 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जा रहा है. इस एक्सप्रेस-वे में सड़क की दोनों तरफ न्यूनतम तीन लेन सर्विस रोड हैं, जो 16 लेन एक्सेस कंट्रोल्ड राजमार्ग से जुड़ी हैं. यह एक्सप्रेस-वे 29 किलोमीटर लंबा है, जिसमें से 19 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में और शेष 10 किलोमीटर लंबा हिस्सा दिल्ली में पड़ेगा.