बीते मंगलवार 28 जून को उदयपुर में कन्हैया लाल की नृशंस हत्या ने सभी को हिला कर रख दिया है. देश में सेक्युलरिज्म के नाम पर एक और हिन्दू को कुर्बान कर दिया गया. कन्हैया को क्या पता था कि 28 जून की तारीख उनकी जिंदगी की आखिरी तारीख होगी. कन्हैया लाल की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसके बेटे ने नुपूर शर्मा के बयान को फेसबुक पर शेयर किया था. यह बात जिहादियों को ऐसी चुभी की हत्यारों ने कन्हैया का सर धड़ से अलग कर दिया. जिहादियों ने देश में दहशत फैलाने के लिए हत्या का वीडियो भी बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
‘जिहादियों का हो एनकाउंटर’
कन्हैया ने हालही में पुलिस में शिकायत की थी कि उसकी जान को खतरा है. उसे जिहादियों द्वारा जान से मारने की धमकियां दी जा रही है. लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. समय रहते अगर पुलिस ने कन्हैया के डर को समझा होता तो उसकी जान नहीं जाती. कन्हैया की पत्नी और उसके बेटे ने जिहादियों का एनकाउंटर हो या फिर फांसी की सजा की मांग की है.
जिहादियों का पाकिस्तानी कनेक्शन
मामले में पाकिस्तानी एंगल सामने आने के बाद NIA के साथ IB मामले की छानबीन कर रही है. खबरों का कहना है जांच एजेंसियों को हत्यारों के ISIS के वीडियो से प्रेरित होने का शक है. कन्हैया लाल की हत्या से पहले और बाद में दोनों जिहादी पाकिस्तान के लोगों के संपर्क में थे. दोनों आरोपियों में से एक आरोपी गौस मौहम्मद साल 2014-15 में 45 दिन कराची में ट्रेनिंग लेकर आया था. जल्द ही NIA दोनों हत्यारों के मोबाइल को खंगालेगी. कन्हैया की हत्या को आंतकी घटना मानते हुए UAPA के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
हत्यारों ने खुद तैयार किए थे हथियार
बता दें, हत्यारों ने हमले के लिए हथियारों को एसके इंजीनियरिंग वर्क्स में तैयार किए थे. कन्हैया की हत्या में इस्तेमाल हथियार इसी फैक्ट्री से बरामद किया है. जिहादियों ने हत्याकांड से पहले और बाद में इसी फैक्ट्री में वीडियो शूट किया था.
सीएम ने भी माना यह आतंकी घटना
घटना के बाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता से शांति बनाए रखने के लिए कह रहे हैं. गहलोत ने भी इसे आतंकवादी घटना बताया है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, उदयपुर की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया जिस तरीके से हत्या की गयी वो जघन्य अपराध है. हमने तत्काल, त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को पकड़ लिया, SOG ATS को केस दे दिया और रातभर में ही पता लगा लिया अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से संबंधित है ये घटना, मायने हैं आतंकवाद से संबंधित घटना है. गहलोत आगे कहते हैं कि यह कोई दो धर्मों के बीच होने वाली घटना नहीं है.