Monday, November 7, 2022
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    कानपुर: 100 से अधिक मंदिरों को पुनर्जीवित करने में जुटीं मेयर व BJP नेता प्रमिला पांडे, पुलिस से मांगा सहयोग

    उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की मेयर व BJP की महिला नेता प्रमिला पांडे ने अपने क्षेत्र में खस्ता हालत में पड़े मंदिरों का जीर्णोद्धार करने का जिम्मा उठाया है.

    कानपुर: वर्तमान समय में देश के कई हिस्सों में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों का मुद्दा गर्म है. इनमें से कुछ मामलों में कोर्ट सुनवाई कर रहा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की मेयर व BJP की महिला नेता प्रमिला पांडे ने अपने क्षेत्र में खस्ता हालत में पड़े मंदिरों का जीर्णोद्धार करने का जिम्मा उठाया है. सोमवार को वह कानपुर के बाबूपुरवा इलाके में स्थित प्रचीन शिव मंदिर का निरीक्षण करने पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने वहां देखा कि मंदिर की मूर्तियों को खंडित किया गया था. स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि मंदिर से मूर्तियों को हटाया जा रहा है. लोगों की शिकायत के बाद मेयर प्रमिला पाण्डे ने संबंधित अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि जब तक जगह का सत्यापन न हो तब तक वहां किसी नए निर्माण की परमीशन न दी जाए.

    आपको बता दें, कुछ समय पहले कानपुर नगर निगम की टीम ने जिले में 100 से अधिक जर्जर हो चुके या फिर कूड़ा घरों में तब्दील हो चुके मंदिरों को चिन्हित किया था. जानकारी होने पर मेयर प्रमिला पांडे ने इन मंदिरों को दोबारा से पुनर्जीवित करने की मुहिम छेड़ दी है.

    जानकारी के मुताबिक, बीते 28 मई को उन्होंने 5 से अधिक मंदिरों का निरीक्षण किया था. इस दौरान मंदिरों की हालत देख कर उन्हें थोड़ा गुस्सा भी आया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने बेकनगंज इलाके में स्थित कृष्ण मंदिर के पास बिरयानी बेचने वाले को फटकार लगाई थी. साथ ही हिंदू मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए कानपुर पुलिस कमिश्नर से बात कर कहा था कि जल्द ही पुलिस प्रशासन को 124 मंदिरों की लिस्ट सौंपी जाएगी. पुलिस की तरफ से भी आश्वासन दिया गया कि जल्द ही सभी मंदिरों को मुक्त कराकर नगर निगम को दिया जाएगा.

    खबरों की मानें तो मीडिया से बातचीत के दौरान मेयर प्रमिला पांडे ने बताया था कि कैसे मुगल आक्रांताओं द्वारा देश में हिंदूओं के मंदिरों के अस्तित्व को मिटाने का काम हुआ. लेकिन कभी किसी ने मस्जिदों को नहीं छुआ. साथ ही उन्होंने कहा, ‘शहर में जिन मंदिरों को चिन्हित किया गया है उनको लेकर वो किसी भी पक्ष से कोई चीज नहीं मांग रही हैं वे सिर्फ मंदिरों के लिए काम कर रही हैं. अगर इससे कोई नाराज होता है तो होता रहे.’

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