सरकारी भर्तियों को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है. खाद्य सुरक्षा अधिकारी भर्ती से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस इंद्रजीत सिंह की अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार नौकरियां देना ही नहीं चाहती है. इसलिए ही ऐसे त्रुटिपूर्ण विज्ञापन निकाले जाते हैं, जिससे भर्तियां कोर्ट में अटक जाए. जस्टिस सिंह ने कहा कि सरकार 1 लाख नौकरियां देने का दावा करती है, लेकिन 80 हजार भर्तियां तो अदालतों में अटकी हुई है.
हाईकोर्ट बुधवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी भर्ती से जुड़ी प्रदीप शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसमें कोर्ट के सामने आया कि भर्ती में चिकित्सा विभाग ने नियमों की अनदेखी की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में 200 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती की घोषणा की थी. उसके बाद चिकित्सा विभाग ने भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया. लेकिन विज्ञापन में केवल शैक्षणिक योग्यता की शर्त ही लगाई गई. प्रशिक्षण की शर्त को इसमें से हटा दिया गया. इसे प्रदीप शर्मा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. उसके बाद कोर्ट ने भर्ती पर अंतरिम रोक लगा दी.