Monday, November 7, 2022
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    ज्ञानवापी में शिवलिंग के दावे पर बोले कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम, कहा- प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं

    कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ज्ञानवापी मामले पर कहा कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं है। जो सामने आ गया उसको किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है।

    अयोध्या: कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने अयोध्या में रामलला के दरबार में पहुंचकर दर्शन पूजन किया। इस दौरान वह राम झरोखे से ही भगवान राम लला के मंदिर निर्माण की प्रक्रिया से भी रूबरू हुए। वहीं मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ज्ञानवापी मामले पर कहा कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं है। जो सामने आ गया उसको किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है। बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम के साथ हरियाणा के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि साक्ष्य सामने आया है इसलिए कोर्ट फास्ट ट्रैक में इस मामले पर निर्णय सुनाए।

    वहीं ताजमहल के सवाल पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सरकार को ही टारगेट करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि ताजमहल और कुतुब मीनार हिंदुओं को सौंप दे। राज ठाकरे के विरोध के मामले पर बोलते हुए उन्होेंने कहा कि ब्रज भूषण शरण सिंह और राज ठाकरे दोनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं। वहीं, ओवैसी को उन्होंने राज ठाकरे का सौतेला भाई बताते हुए कहा कि ना तो इनका कोई धर्म है और ना ही कोई मजहब। ना ही कोई राशि। यह केवल राजनीति चमकाने के लिए बयानबाजी करते हैं।

    वहीं ज्ञानवापी मामले पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि यह बहुत ही चमत्कारी विषय है और हमारी आस्था से जुड़ा हुआ है। मामला कोर्ट के अधीन है। न्यायालय के किसी भी फैसले का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। उन्‍होंने कहा कि हम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। पहले भी किया है और अब भी करेंगे। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि ज्ञानवापी का मामला हमारी आस्था से जुड़ा हुआ है। भारत की जन भावना से जुड़ा हुआ विषय है, लेकिन यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। शिवलिंग को अब तक क्यों छुपाया गया, किसने छुपाया, यह बाद का विषय है।

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